दिल्ली दंगा: पुलिस ने अदालत को बताया- जांच का विवरण मीडिया को कैसे मिला, इसका पता नहीं चला

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही जांच एजेंसी द्वारा दर्ज उनके बयान को कथित रूप से मीडिया में लीक करके पुलिस अधिकारियों ने कदाचार किया है.

क्यों डराते हो ज़िंदां की दीवार से…

किसी भी आम नागरिक के लिए जेल एक ख़ौफ़नाक जगह है, पर देवांगना, नताशा और आसिफ़ ने बहुत मज़बूती और हौसले से जेल के अंदर एक साल काटा. उनके अनुभव आज़ादी के संघर्ष के सिपाहियों- नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जेल वृतांतों की याद दिलाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सीएए प्रदर्शनकारियों को मिले नोटिस पर कार्रवाई न करने को कहा

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 के अंत में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कथित आरोपी सीएए-एनआरसी आंदोलनकारियों से संपत्ति के नुकसान से कथित नुकसान की वसूली करने की धमकी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य क़ानून के अनुसार और नए नियमों के तहत कार्रवाई कर सकता है.

दिल्ली: कपिल मिश्रा के विवादित भाषण के वक़्त मंच पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने मांगा वीरता पुरस्कार

फरवरी 2020 में मौजपुर में सीएए समर्थन रैली में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने विवादित भाषण दिया था. इस दौरान उत्तरपूर्वी दिल्ली के तत्कालीन डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या मिश्रा के साथ मंच पर मौजूद थे. अब सूर्या के सहयोगियों सहित क़रीब 25 पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली दंगों में उनके प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए वीरता पुरस्कार के लिए नामांकन भेजा है.

दिल्ली दंगा: सात आरोपियों को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- मुक़दमा पूरा होने तक जेल में नहीं रख सकते

यह मामला फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में हुई एक कथित हत्या से संबंधित है. कोर्ट ने आरोपियों को ज़मानत देते हुए इस तथ्य को रेखांकित किया कि अधिकतर आरोपी एक साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में हैं.

तमिलनाडु विधानसभा में कृषि क़ानूनों एवं सीएए के ख़िलाफ़ पारित किए जाएंगे प्रस्ताव: स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि विधानसभा के आगामी बजट सत्र में केंद्र के कृषि क़ानून एवं सीएए के विरूद्ध प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र ने जब ये तीनों कृषि क़ानून बनाए तब से द्रमुक ने उन्हें वापस लेने की मांग की है, क्योंकि ये किसानों के हितों के ख़िलाफ़ हैं. इसी तरह सीएए ने देशभर के अल्पसंख्यक समुदायों के हितों को प्रभावित किया है और उनके बीच डर फैल गया है.

छात्र कार्यकर्ताओं ने कहा- पछतावा नहीं, सीएए आंदोलन में शामिल होने के लिए हमेशा गर्व रहेगा

वीडियो: बीते 15 जून को दिल्ली ने दिल्ली दंगों के संबंध में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत पिछले साल मई में गिरफ़्तार नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को ज़मानत मिलने के बाद उन्हें​ रिहा नहीं किया गया था. दिल्ली की एक अन्य अदालत में तीनों छात्र कार्यकर्ताओं के अपील करने के बाद बीते 17 जून को उन्हें तिहाड़ ​जेल से रिहा किया गया.

यूएपीए: क्या सुप्रीम कोर्ट ने इंसाफ की तरफ बढ़े क़दमों में फिर ज़ंजीर डाल दी है

दिल्ली हाईकोर्ट के तीन छात्र कार्यकर्ताओं को यूएपीए के मामले में ज़मानत देने के निर्णय को अन्य न्यायालयों द्वारा नज़ीर के तौर पर इस्तेमाल न करने का आदेश देकर शीर्ष अदालत ने फिर बता दिया कि व्यक्ति की आज़ादी और राज्य की इच्छा में वह अब भी राज्य को तरजीह देती है.

दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट का छात्र कार्यकर्ताओं की ज़मानत में दखल से इनकार

दिल्ली दंगे मामले में गिरफ़्तार छात्र कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ इकबाल तन्हा को हाईकोर्ट से मिली ज़मानत को दिल्ली पुलिस ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस फ़ैसले पर रोक लगाने से मना करते हुए स्पष्ट किया कि देश की अन्य अदालतें इस निर्णय को मिसाल के तौर पर दूसरे मामलों में इस्तेमाल नहीं करेंगी.

छात्र कार्यकर्ता नताशा, देवांगना, आसिफ़ जेल से रिहा; संघर्ष जारी रखने का लिया संकल्प

रिहा होने के बाद देवांगना कलीता ने कहा कि हम ऐसी महिलाएं हैं, जो सरकार नहीं डरती हैं. सरकार लोगों की आवाज़ और असहमति को दबाने की कोशिश कर रही है. नताशा नरवाल ने कहा कि हमें जेल के अंदर ज़बरदस्त समर्थन मिला है और हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे. आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रहेगी.

दिल्ली दंगाः अदालत ने ज़मानत पाने वाले छात्र कार्यकर्ताओं की तुरंत रिहाई का आदेश दिया

बीते 15 जून को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ज़मानत मिलने के लगभग 48 घंटे बाद भी छात्र कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा जेल में हैं. इस बीच पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाकर दिल्ली हाईकोर्ट के ज़मानत आदेश पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया है.

दिल्ली दंगाः छात्र कार्यकर्ताओं को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- सरकार का असहमति का स्वर दबाने पर ज़ोर

जेएनयू छात्राओं नताशा नरवाल और देवांगना कलीता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक हिंसा के लिए साजिश रचने का आरोप है. तीनों को मई 2020 में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

दिल्ली दंगा: पुलिस का दावा- ‘राष्ट्रगान वीडियो’ वाले युवक की हिरासत के समय थाने का कैमरा खराब था

पिछले साल दिल्ली दंगे के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले पांच मुस्लिम युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान गवा रहे थे. बाद में इसमें से एक शख़्स 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो गई थी. फ़ैज़ान की मां ने पुलिसकर्मियों पर हिरासत में हत्या करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

दिल्ली दंगों से पहले कट्टर हिंदुत्ववादी नेता ने लगातार किया था मुस्लिमों के ‘संहार’ का आह्वान

विशेष: साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के दूसरे हिस्से में जानिए कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद को, जिनके नफ़रत भरे भाषणों ने उन दंगाइयों में कट्टरता पैदा की, जिन्होंने फरवरी 2020 के आखिरी हफ़्ते में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में क़हर बरपाया.

सफूरा की गिरफ़्तारी भारत द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन: यूएन निकाय

यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर की मेडिकल स्थिति को देखते हुए गंभीर से भी गंभीर आरोप में भी तत्काल गिरफ़्तारी की कोई ज़रूरत नहीं थी. निकाय ने भारत से उनकी हिरासत की परिस्थितियों पर एक स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने को कहा है.