अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल डर की भावना पैदा करता है जो क़ानून के शासन का उल्लंघन है.
बीदर के शाहीन स्कूल में बच्चों द्वारा सीएए विरोधी नाटक का मंचन करने पर पिछले महीने राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और स्कूल की संचालिका फरीदा बेगम और एक छात्र की मां को गिरफ़्तार किया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले एक प्रदर्शन पर धारा 144 के तहत रोक लगाने वाले आदेश को रद्द करते हुए कहा कि देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता विरोध प्रदर्शनों के ज़रिये ही मिली थी.
सीएए के ख़िलाफ़ राज्य में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही इसकी भरपाई की जाएगी. इस बारे में जारी सरकार के वसूली नोटिस को कानपुर के व्यक्ति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
19 दिसंबर, 2019 को देश के अन्य हिस्सों की तरह कर्नाटक में सीएए और एनआरसी के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. हालांकि, बेंगलुरु पुलिस आयुक्त ने एक दिन पहले सीआरपीसी की धारा 144 का उपयोग कर शहर में सार्वजनिक सभा पर प्रतिबंध लगा दिया था.
डॉ. कफील खान को 29 जनवरी को महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें ज़मानत मिल चुकी थी लेकिन शुक्रवार को रिहाई से पहले यूपी पुलिस ने उन पर रासुका लगा दी, जिसके चलते उन्हें रिहा नहीं किया गया.
एक कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा केवल जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती है बल्कि चुनावों के माध्यम से अपनी विचारधारा के प्रसार में भरोसा करती है.
पुडुचेरी नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रस्ताव पारित करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित हो चुके हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर गाजीपुर स्थित सदर के एसडीएम प्रभास कुमार ने कहा कि इस समूह को किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं थी और उनके पास से जो पर्चे मिले उसमें सीएए-एनआरसी के विरुद्ध भी कुछ बातें थीं. उनकी गिरफ़्तारी केवल अव्यवस्था फैलाने की आशंकाओं पर की गई है.
संभल ज़िले के नखासा थाना क्षेत्र के हुसैना बाग में जनवरी से करीब 500 महिलाएं सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इनमें से ग्यारह को स्थानीय पुलिस की एक रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने नोटिस भेजा है.
नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे, जब उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनके निजी अंगों पर लाठी से वार किए गए, जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं.
सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों में लंबे समय बाद हिंदू-मुस्लिम एकता वापस नज़र आ रही है, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा में बेचैनी देखी जा सकती है. ऐसी ही बैचेनी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ों में दिखी थी, जिससे निपटने के लिए उन्होंने फूट डालो-राज करो की नीति अपनाई थी.
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा करने के लिए 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इसके साथ ही आर्कबिशप ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को देश भर में लागू ना करने की अपील भी की है.
जयपुर के रहने वाले कवि बप्पादित्य बुधवार रात एक कैब में बैठने के बाद फोन पर नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर बात कर रहे थे, जिसे सुनकर कैब ड्राइवर रोहित उन्हें एंटी नेशनल बताते हुए पुलिस थाने ले गया. रोहित को मुंबई भाजपा अध्यक्ष द्वारा सतर्क नागरिक पुरस्कार दिया गया है.