दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पूर्व छात्र परिसर के शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ रहे थे और अप्रासंगिक व आपत्तिजनक मुद्दों के ख़िलाफ़ परिसर में विरोध प्रदर्शन करने में शामिल रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन सदस्यीय पीठ को सौंपने की भी बात कही है. नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल कई याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है और इसका उद्देश्य मुसलमानों से स्पष्ट रूप से भेदभाव करना है.
नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल कई याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है और इसका उद्देश्य मुसलमानों से स्पष्ट रूप से भेदभाव करना है, क्योंकि अधिनियम ने केवल हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को लाभ दिया है.
बुधवार सुबह केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट में कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में भेजा जाएगा, साथ ही यूएनएचसीआर कार्ड और पुलिस सुरक्षा दी जाएगी. कुछ ही घंटों बाद गृह मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.
पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक और राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन में एक बैठक के दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के संबंध में नियम कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक़ देने की क़वायद पूरी होने के बाद तैयार किए जाएंगे.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्ष 2020 में भड़के दंगे के कथित षड्यंत्र के मामले में जनवरी 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वे जेल में हैं.
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 से 2021 के दौरान नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 3,92,643 थी. इसमें वर्ष 2019 में 1,44,017 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी, जबकि 2020 में 85,256 और वर्ष 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी.
साल 2020 के दिल्ली दंगा मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने अपने आवेदन में आरोप लगाया गया है कि सहायक जेल अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में आठ-दस लोगों के साथ उसके सेल में प्रवेश किया, उससे मारपीट की और ‘आतंकवादी’ तथा ‘राष्ट्र-विरोधी’ कहकर संबोधित किया.
वीडियो: जब अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं और सिखों की रक्षा करने की बात आती है तो मोदी सरकार के शब्दों और कार्यों के बीच के अंतर नज़र आता है. द वायर के साहिल मुरली मेंघानी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं कि कैसे भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) पर भारतीयों को बेवकूफ़ बना रही है.
वीडियो: अग्निपथ से लेकर सीएए, कृषि क़ानून और नोटबंदी के कारण देश में विरोध की लहर को लेकर नरेंद्र मोदी के शासन के बारे में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.
साल 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले ज़मीन पर घायल पड़े फ़ैज़ान और अन्य युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान और वंदे मातरम गंवाने को मजबूर करते देखे जा सकते थे. घटना के बाद 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो जाती है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी पुलिसवालों की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान कथित घृणास्पद भाषण यानी हेट स्पीच के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के संबंध में माकपा की नेता वृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका में दावा किया था कि दोनों ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग विरोध स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं.
कानपुर पुलिस ने बुधवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार किया. इन तीनों को 2019 में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भी गिरफ़्तार किया गया था. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हक़ीमुद्दीन क़ासमी ने कानपुर का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. कानपुर हिंसा के संबंध में एकतरफ़ा कार्रवाई पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश की धर्म-निरपेक्षता के ख़िलाफ़ है. यहां किसी को भी धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है. हमारा देश भारत के संविधान में उल्लिखित धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांत पर काम करता है. आजकल धर्म-निरपेक्षता को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर एक ख़ास वर्ग के लोग ख़ासे चिंतित हैं.
फरवरी 2020 में हुए दंगों के कथित साज़िश से संबंधित मामले में यूएपीए के आरोपी मोहम्मद सलीम ख़ान ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि उन्हें हिरासत में दो साल पूरे हो चुके हैं और इस मामले में उनकी भूमिका बहुत सीमित और वीडियो फुटेज पर आधारित है. साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि उन्हें एक अन्य मामले में ज़मानत मिल चुकी है, जो उसी वीडियो फुटेज पर आधारित है.