कथित संस्थागत जातिगत भेदभाव के कारण रोहित वेमुला और पायल तड़वी की आत्महत्या को लेकर उनकी माताओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर यूजीसी ने इस मामले को देखने के लिए 9 सदस्यीय समिति का गठन किया था. हालांकि समिति के सदस्यों के पास भेदभाव से निपटने का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन वे भाजपा से निकटता रखते हैं.
कानपुर और गुवाहाटी के आईआईटी में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान कुछ कंपनियों ने छात्रों से उनकी जातीय पृष्ठभूमि या संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में प्राप्त रैंक का उल्लेख करने के लिए कहा था. एसटी/एचसी छात्रों ने आशंका जताई है कि इस डेटा का इस्तेमाल प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान और संभवत: बाद में कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव करने के लिए किया जा सकता है.
पुदुचेरी की ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री एस. चंदिरा प्रियंगा ने कहा है, 'मुझे एहसास हो रहा था कि मुझे लगातार जाति और लिंग के आधार पर पूर्वाग्रह का शिकार बनाया जा रहा है.' वे दलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं.
घटना कोलार ज़िले के मालूर तालुका की है. एक 30 वर्षीय दलित युवक को कथित तौर पर झाड़ू से पीटा गया और जातिसूचक गाली दी गई, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार, युवक ने कथित तौर पर अपने दोस्त की पत्नी पर टिप्पणियां की थी, जिसके बाद उन्हें पीटा गया और जातिसूचक गाली दी गई थी.
अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले केरल के देवस्वोम और एससी/एसटी कल्याण मंत्री के. राधाकृष्णन ने आरोप लगाया है कि कन्नूर में एक मंदिर के दो पुजारियों ने एक समारोह के दौरान दीपक जलाने के बाद उन्हें दीप सौंपने से इनकार कर दिया था. केरल राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
आईआईटी दिल्ली में बीते कुछ समय में दो दलित छात्रों की आत्महत्या से मौत के बाद संस्थान के छात्र प्रकाशन बोर्ड ने परिसर के अंदर जातिगत भेदभाव पर एक सर्वे शुरू किया था, जिसे कुछ घंटों के भीतर ही इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि छात्रों का कहना था कि इसमें पूछे गए सवाल पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलजीबीटी समुदाय से संबंधित एक दलित शख़्स की मौत पर एक निजी फर्म के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए यह फैसला सुनाया है. तीनों अधिकारियों पर मृतक के यौन रुझान के कारण दफ़्तर में प्रताड़ित करने का आरोप है.
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने विधि आयोग को पत्र लिखकर प्रस्तावित समान नागरिक संहिता पर आपत्ति दर्ज कराई है. पार्टी ने कहा कि सभी धर्मों के लिए समान नागरिक संहिता लाने से पहले हमें जातिगत भेदभाव और अत्याचारों को ख़त्म करने के लिए एक समान जाति कोड की आवश्यकता है.
बीते फरवरी में आईआईटी-बॉम्बे में बीटेक के दलित छात्र दर्शन सोलंकी की मौत छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के चलते हो गई थी. पुलिस के अनुसार, अरमान इकबाल खत्री नामक छात्र को हिरासत में लिया है, उन्हें दर्शन द्वारा छोड़ा गया एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
बीते फरवरी में आईआईटी-बॉम्बे में बीटेक के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के चलते हो गई थी. उनके परिवार ने इसके लिए कैंपस में हुए जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताया था, जिससे संस्थान की जांच समिति ने इनकार किया था.
बीते फरवरी में आईआईटी-बॉम्बे में बीटेक के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने के चलते हो गई थी. उनके परिवार ने उनके इस क़दम के लिए कैंपस में हुए जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताया था. हालांकि मामले की जांच के लिए बनी समिति ने इससे इनकार किया है.
आईआईटी बॉम्बे के एससी/एसटी छात्र प्रकोष्ठ द्वारा किए गए एक मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कहा गया है कि संस्थान में एससी/एसटी छात्रों को कम क्षमतावान छात्रों के रूप में देखा जाता है. सर्वे में शामिल कई छात्रों ने बताया कि यहां अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह होने या न होने से आपकी जाति की पहचान की जाती है.
अहमदाबाद के रहने दर्शन सोलंकी की बीते 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर के एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंज़िल से कथित तौर पर छलांग लगाने से मौत हो गई थी. उनके परिवार ने कैंपस में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. वहीं आईआईटी-बॉम्बे द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में इससे इनकार किया है.
अहमदाबाद के रहने वाले दर्शन सोलंकी की मौत बीते 12 फरवरी को आईआईटी-बॉम्बे परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाने से हो गई थी. वह बीटेक के पहले वर्ष का छात्र थे.
केरल सरकार द्वारा संचालित केआर नारायणन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ विज़ुअल साइंस एंड आर्ट्स के निदेशक शंकर मोहन ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. विद्यार्थियों और शिक्षकों का एक वर्ग उन पर जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहा था. संस्थान के कुछ सफाई कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उनकी पत्नी उनसे अपने घर का शौचालय साफ करवाती थीं.