जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. छठा भाग नाई जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पांचवा भाग चौपाल जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. चौथा भाग कोईरी/कुशवाहा जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. तीसरा भाग मडरिया जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. दूसरा भाग संतराश जाति के बारे में है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहला भाग घासी जाति के बारे में है.
बीते दिनों तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक और कलाकार संघ द्वारा आयोजित 'सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया की तरह है, जिसे ख़त्म करने की ज़रूरत है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में टिप्पणियों और उक्त सम्मेलन की सीबीआई जांच की मांग की गई है.
साक्षात्कार: बेंगलुरू के नेशनल लॉ स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कार्तिक राम मनोहरण ने जाति, धर्म और जेंडर से जुड़े मसलों पर विस्तृत शोध किया है. सनातन धर्म पर छिड़े विवाद पर इसकी विभिन्न व्याख्याओं और उत्तर-दक्षिण भारत की राजनीतिक मान्यताओं के अंतर को लेकर उनसे बातचीत.
वीडियो: मध्य प्रदेश में हुई एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सनातन संस्कृति को ख़त्म करने के लिए साथ आए हैं. आगामी चुनावों के मद्देनज़र इस बारे में इतिहासकार राम पुनियानी, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव और उर्मिलेश के साथ चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
'सनातन धर्म' को लेकर हालिया विवाद में भाजपा के रवैये के विपरीत हिंदुत्व के सबसे प्रभावशाली विचारक विनायक दामोदर सावरकर ने शायद ही कभी 'सनातन धर्म' को पूरे हिंदू समुदाय से जोड़ा.
उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए?
19वीं सदी में आर्य समाज और ब्रह्म समाज जैसे सुधारवादी संगठनों के ख़िलाफ़ आंदोलन के दौरान हिंदू पुरातनपंथियों (ऑर्थोडॉक्सी) ने तब सनातन धर्म की अवधारणा को आकार देने का काम किया था, जब इन सुधारवादी संगठनों द्वारा सती प्रथा, मूर्ति पूजा और बाल विवाह जैसी प्रतिगामी प्रथाओं पर सवाल उठाए गए थे.
भारतीय राजनीति के एक अनुभवी नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'इंडिया' गठबंधन के बीच की दूरियों को भरने में जो भूमिका निभाई है वह काफी स्पष्ट है. ऐसी और भी कई बातें हैं जो खड़गे के पक्ष में जाती हैं.
वीडियो: बीते कुछ महीनों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से दलित समुदाय के लोगों पर अत्याचार के दिल दहलाने वाले मामले सामने आए हैं. हालांकि, इन मामलों को लेकर हुई कार्रवाई घटनाओं की बढ़ती संख्या की तुलना में कहीं पीछे है. इस बारे में वंचित बहुजन अघाड़ी से जुड़े प्रियदर्शी तेलांग से बातचीत.
मद्रास हाईकोर्ट ने 2018 में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि किसी भी जाति या पंथ के किसी भी व्यक्ति को पुजारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, बशर्ते वह मंदिर में किए जाने वाले आवश्यक अनुष्ठानों में पारंगत और निपुण व्यक्ति हो. याचिका में सलेम ज़िले के श्री सुगवनेश्वर स्वामी मंदिर में पुजारियों की भर्ती के लिए निकाले गए एक विज्ञापन को चुनौती दी थी.