अक्टूबर 2021 में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की एक बीमा योजना को लेकर तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर में इसे लाने के लिए आरएसएस नेता राम माधव ने कथित तौर पर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे रद्द कर दिया था.
28 अप्रैल को सत्यपाल मलिक से रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के उस प्रस्ताव के बारे में पूछताछ की जाएगी, जिसे उन्होंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के पद पर रहते हुए रद्द किया था. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद मलिक को यह समन मिला है.
भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता के बेटे सूरज की शादी गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की बेटी से हुई है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मेहता को देश से भगाने का आरोप लगाया है. मेहता पर कई शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह के साथ व्यापार करने का आरोप है. कांग्रेस ने सवाल किया कि इस बड़े खुलासे के बाद सीबीआई और ईडी ने क्या किया है?
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट पर मूल फाइलों को रिकॉर्ड पर रखने को लेकर अनिच्छा दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने बीते मंगलवार को इस सूचना पर विशेषाधिकार का दावा किया है. कांग्रेस ने सवाल किया कि सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है.
एफ़आईआर में एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के ख़िलाफ़ विदेशी फंडिंग लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने और विदेशी सरकारों तथा संस्थानों का उपयोग करके लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करने के आरोप लगाए गए हैं. जनवरी 2022 में गृह मंत्रालय द्वारा इस संगठन के एफ़सीआर लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया था.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि समय से पहले दोषियों को रिहा करने से पहले अपराध की गंभीरता पर विचार किया जाना चाहिए.
अक्टूबर 2021 में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे, तब आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने उन्हें ‘अंबानी’ से संबंधित दो फाइलों को मंज़ूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने इस आरएसएस पदाधिकारी का नाम राम माधव बताया था.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती को इस सप्ताह की शुरुआत में अदालती हस्तक्षेप के बाद ‘सशर्त’ पासपोर्ट जारी किया गया था. हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के जवाब में श्रीनगर के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस सीआईडी उन्हें पासपोर्ट जारी करने के पक्ष में नहीं है.
दिल्ली स्थित सफ़दरजंग अस्पताल के एक न्यूरोसर्जन और उनके चार सहयोगियों पर मरीज़ों को ऑपरेशन की जल्द तारीख़ देने के लिए अत्यधिक कीमत पर एक विशेष स्टोर से सर्जिकल उपकरण ख़रीदने के लिए मजबूर करने का आरोप है. न्यूरोसर्जन के चारों सहयोगियों को भी सीबीआई ने गिरफ़्तार किया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का अधिकारी बनकर जम्मू कश्मीर के दौरे कर रहे गुजरात के ठग किरण पटेल की ठगी का तो पर्दाफ़ाश हो गया है, लेकिन बड़ी ठगी जम्मू कश्मीर में स्थिति को सामान्य रूप में पेश करने की है, जबकि वास्तविक हालात अलग हैं.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना क़ानून, 1946 के अनुसार, सीबीआई को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की ज़रूरत होती है. अब तक छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिज़ोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने एजेंसी को दी गई आम सहमति वापस ली है.
हाल में हुए मेघालय चुनाव के प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने तत्कालीन एनपीपी सरकार को 'सबसे भ्रष्ट' बताया था. कांग्रेस ने सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि वे शाह से वो जानकारियां, जिनके आधार पर उन्होंने यह दावा किया था, लेकर जांच करें. भाजपा अब एनपीपी की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है.
वीडियो: कांग्रेस और राहुल गांधी से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की नाराज़गी की क्या वजह है? उनका बार-बार कांग्रेस पर हमलावर होना क्या दिखाता है, इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
लालू प्रसाद यादव की वे बेटियां, जो राजनीति में नहीं हैं, भी ज़मीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं, लेकिन उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अब तक इनके निशाने पर नहीं हैं. बिहार के राजनीतिक विश्लेषक इसे महज़ संयोग मानने को तैयार नहीं हैं.
साल 2005 के बाद से ईडी द्वारा दर्ज 5,906 मामलों में से जांच एजेंसी केवल 1,142 मामलों में जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने में कामयाब रही है. जांच से पता चलता है कि साल 2014 से 121 राजनेता ईडी की जांच के दायरे में रहे हैं, जिनमें से 115 विपक्ष के नेता हैं.