‘एक देश, एक शिक्षा बोर्ड’ के विरोध में सीबीएसई, कहा- पाठ्यक्रम में बहुलता ज़रूरी

भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा देशभर के स्कूलों में एक पाठ्यक्रम की मांग वाली याचिका को ख़ारिज करने की मांग करते हुए सीबीएसई ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल हलफनामे में कहा है कि समान बोर्ड या पाठ्यक्रम का आह्वान करते हुए स्थानीय संदर्भ, संस्कृति और भाषा को ध्यान में नहीं रखा गया है.

कोई भी व्यक्ति जाति विशेष से जुड़े पूर्वाग्रह से बचने के लिए सरनेम बदल सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

कोर्ट सीबीएसई के दो भाइयों के कक्षा 10 और कक्षा 12 के बोर्ड प्रमाणपत्रों पर उनके पिता का सरनेम बदलने से मना करने के ख़िलाफ़ याचिका सुन रहा था. इसमें कहा गया था कि उनके पिता ने अपना सरनेम 'मोची' से बदलकर 'नायक' किया, क्योंकि उन्हें सरनेम के आधार पर जातिगत दुराग्रहों का सामना करना पड़ रहा था.

वर्ष 2021-22 में कक्षा 10वीं के 35 लाख छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी या फेल हो गए: शिक्षा मंत्रालय

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के केंद्रीय और राज्य स्कूली शिक्षा बोर्डों के डेटा का विश्लेषण करने पर पाया कि वर्ष 2021-2022 में कक्षा 10वीं के 35 लाख छात्र 11वीं कक्षा में नहीं पहुंचे. इनमें से 85 फीसदी छात्र केवल 11 राज्यों से हैं.

विज्ञान की किताबों से जैविक विकास का सिद्धांत हटाए जाने पर वैज्ञानिकों, शिक्षकों ने चिंता जताई

एनसीईआरटी ने दसवीं की विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से चार्ल्स डार्विन, पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति समेत जैविक विकास (एवोल्यूशन) संबंधी सामग्री को हटाया है. इसे वापस सिलेबस में शामिल करने की मांग करते हुए 1,800 से अधिक वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने कहा कि वे विज्ञान की स्कूली शिक्षा में किए 'इस तरह के ख़तरनाक बदलावों' से असहमत हैं.

इतिहास को लेकर सांप्रदायिक दृष्टिकोण प्रगतिशील समाज के विचार के विपरीत: हिस्ट्री कांग्रेस

इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस ने एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी से संबंधित सामग्री समेत कई अन्य अंश हटाए जाने को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि जो शिक्षाविद तार्किक वैज्ञानिक ज्ञान का महत्व समझते हैं, उन्हें यह ग़लत और अस्वीकार्य लगेगा.

इतिहास उन्हें क्यों आतंकित करता है?

अमेरिका हो या भारत, पाठ्यपुस्तकों को बैन करने, उन्हें संशोधित करने या उन्हें चुनौती देने की प्रक्रिया स्वतःस्फूर्त नहीं होती. इसके पीछे रूढ़िवादी, संकीर्ण नज़रिया रखने वाले संगठन; समुदाय या आस्था के आधार पर एक दूसरे को दुश्मन साबित करने वाली तंज़ीमें साफ़ दिखती हैं.

सिलेबस से सड़क तक संहार की राजनीति

वीडियो: स्कूली किताबों से मुग़ल इतिहास, महात्मा गांधी, उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और आरएसएस से संबंधित सामग्री को हटाए जाने के मसले पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

मुग़लों का इतिहास न पढ़ाने के फैसले के पीछे कौन-सी समझदारी है?

मुग़लों का इतिहास तो पढ़ाए न जाने के बावजूद इतिहास ही रहेगा- न बदलेगा, न मिटेगा. लेकिन छात्र उससे वाक़िफ़ नहीं हो पाएंगे और उनका इतिहास ज्ञान अधूरा व कच्चा रह जाएगा. 

सीबीएसई और यूपी बोर्ड में 12वीं की इतिहास की किताबों से मुग़ल संबंधी अध्याय हटाए गए

स्कूली शिक्षा पर केंद्र और राज्य की शीर्ष सलाहकार संस्था एनसीईआरटी ने इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है और सीबीएसई की 12वीं कक्षा की मध्यकालीन इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से ‘किंग्स एंड क्रॉनिकल्स’ और ‘द मुग़ल कोर्ट्स’ पर आधारित अध्यायों को हटा दिया है.

फीस न दे पाने से छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि फीस का भुगतान न करने के आधार पर शैक्षणिक सत्र के बीच में एक बच्चे को कक्षाओं में बैठने और परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता है. शिक्षा वह नींव है, जो एक बच्चे के भविष्य को आकार देती है और जो सामान्य रूप से समाज के भविष्य को आकार देती है.

सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के नए पाठ्यक्रम से फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्में हटाईं

नए पाठ्यक्रम के मुताबिक, दसवीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति पाठ्यक्रम का हिस्सा बने रहेंगे लेकिन इसमें से पेज संख्या 46, 48, 49 पर बनी तस्वीरों को छोड़ दिया गया है. इन तस्वीरों में दो पोस्टर और एक राजनीतिक कार्टून हैं. इन पोस्टर में फ़ैज़ की नज़्में लिखी हुई थीं.

जम्मू कश्मीर: इस्लाम के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ संबंधी सामग्री वाली किताब वापस लेने का निर्देश

जम्मू कश्मीर स्कूली शिक्षा बोर्ड ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी स्कूलों को दिल्ली के एक प्रकाशन हाउस द्वारा प्रकाशित एक किताब वापस लेने का निर्देश दिया, जिसमें इस्लाम के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ करने वाली सामग्री है. प्रकाशन हाउस ने सातवीं कक्षा के लिए ‘हिस्ट्री एंड सिविक्स’ नाम की इस किताब के 2020 के संस्करण में ग़लती के लिए खेद जताया है.

सीबीएसई के ऑफ़लाइन एग्ज़ाम से क्यों परेशान हैं 10वीं और 12वीं के प्राइवेट छात्र

वीडियो: सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के कंपार्टमेंट, इंप्रूवमेंट, पत्राचार और प्राइवेट छात्रों की परीक्षा 25 अगस्त से कराने का फैसला लिया है. कोविड-19 के कारण रेगुलर छात्रों की ऑफ़लाइन परीक्षा इस वर्ष नहीं करवाई गई थी, मगर इन छात्रों की परीक्षाएं ली जा रही हैं, जिस कारण छात्र और उनके अभिभावक दोनों बेहद परेशान हैं.

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