बीते जुलाई महीने में दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफ़ारिश की थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी अच्छे प्रदर्शन का इनाम है.
बिलक़ीस बानो की वकील द्वारा जारी बयान में उन्होंने गुजरात सरकार से उनके बलात्कार के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के फ़ैसले को वापस लेने और बिना डर और शांति से जीने का उनका अधिकार लौटाने की अपील की है. उन्होंने सवाल किया, 'क्या एक औरत को मिले इंसाफ़ का यही अंत है?'
सावरकर ने अपनी किताब '6 गौरवशाली अध्याय' में बलात्कार को राजनीतिक हथियार के तौर पर जायज़ ठहराया था. आज़ाद होने के बाद एक अपराधी ने कहा भी कि उन्हें उनकी राजनीतिक विचारधारा के कारण दंडित किया गया. वे शायद यह कहना चाह रहे हों कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया था, मात्र सावरकर की राजनीतिक विचारधारा लागू की थी.
गुजरात सरकार द्वारा इसकी क्षमा नीति के तहत बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सज़ा माफ़ होने और रिहाई के बाद बेहद मायूस बिलक़ीस का कहना है कि अब उनके पास न सब्र बचा है और न ही हिम्मत. वे यह लड़ाई हार गई हैं.
गुजरात की बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके 'नारी शक्ति' बयान का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है.
गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन 11 दोषियों की रिहाई को मंज़ूरी दी है. इन सभी को सीबीआई की विशेष अदालत ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या का दोषी ठहराया था.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी ठहराए गए 11 क़ैदियों को सोमवार को गोधरा जेल से रिहा किया गया. बिलकीस के परिवार ने रिहाई पर हैरत जताते हुए कहा है कि वे इस बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.
उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश के बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस नीति को वापस लेने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि गुजरात में शराब पर पाबंदी है. भाजपा यहां अवैध शराब का कारोबार चला रही है और अब दिल्ली में भी ऐसा ही करना चाहती है. वह दिल्ली में शराब माफिया को बढ़ावा देने के लिए गंदी राजनीति कर रही है.
भोला यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके ओएसडी थे. आरोप है कि भोला ने नौकरियां दिलाने और बाद में लालू के परिवार को ज़मीन हस्तांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. एजेंसी ने एक रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ़्तार किया है, जो घोटाले के कथित लाभार्थी हैं.
आरोप है कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और आबकारी विभाग के प्रमुख मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर शराब नीति में कुछ बदलाव किए और कैबिनेट को सूचित किए बिना या एलजी की मंज़ूरी लिए बिना लाइसेंसधारियों को अपनी ओर से अनुचित लाभ दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि उपराज्यपाल ने देश के सबसे लोकप्रिय शिक्षा मंत्री सिसोदिया को फ़र्ज़ी मामले में फंसाने के लिए सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की है.
सीबीआई के अनुसार, गृह मंत्रालय के एफ़सीआरए डिवीज़न के कुछ अधिकारियों ने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रमोटरों/प्रतिनिधियों, बिचौलियों के साथ साज़िश में निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद दान प्राप्त करना जारी रखने के उद्देश्य से इन संगठनों को पिछले दरवाजे से एफसीआरए पंजीकरण/नवीनीकरण प्राप्त कराने की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे.
विशेष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के निर्देश को बरक़रार रखते हुए कहा कि जिस तरह आकार पटेल के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, वह संबंधित क़ानून की समझ की कमी को दर्शाता है. इससे पहले मजिस्ट्रेट अदालत ने सीबीआई को तुरंत सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था.
एफसीआरए के कथित उल्लंघन मामलों की दो साल की जांच के बाद 31 दिसंबर, 2021 को एजेंसी ने दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत में आकार पटेल और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के ख़िलाफ़ अधिनियम की धारा 35, 39 और 11 के तहत आरोप पत्र दायर किया था.
दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को अमेरिका जाने की अनुमति देते हुए सीबीआई को लुकआउट सर्कुलर वापस लेने का निर्देश दिया था. अब उसने इस आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं, गुरुवार शाम को पटेल को फिर बेंगलुरु हवाईअड्डे पर रोक दिया गया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और लेखक आकार पटेल को सीबीआई द्वारा उनके ख़िलाफ़ जारी लुकआउट सर्कुलर का हवाला देकर बीते छह अप्रैल को बेंगलुरु हवाईअड्डे से देश छोड़कर जाने से रोक दिया गया था. अदालत ने सीबीआई निदेशक को अपने अधीनस्थ की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए पटेल को एक लिखित माफ़ी जारी करने को भी कहा है.