वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं को लेकर दायर हलफ़नामे में केंद्र सरकार ने ऐसी शादियों का विरोध करते हुए कहा है कि विवाह से संबंधित सभी व्यक्तिगत क़ानून (Personal Laws) और वैधानिक अधिनियम केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच संबंध को मान्यता देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में केंद्र ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया है. वहीं, एलजीबीटीक्यू+ कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों के लिए समानता का अधिकार बनाए रखने की संवैधानिक प्रतिबद्धता को नज़रअंदाज़ करते हुए भेदभावपूर्ण विवाह क़ानून बनाए रखने पर अड़ी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग, इसके शोधकर्ता नाथन एंडरसन और अन्य के ख़िलाफ़ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की थी. साथ ही, कहा गया था कि सूचीबद्ध कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को रोकने के लिए एक गैग ऑर्डर लाया जाए.
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट और उसके परिणामों को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अदालत अपनी ख़ुद की एक समिति नियुक्त करेगी. इस दौरान केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में सुझाए गए समिति के सदस्यों के नामों को अपारदर्शी बताकर शीर्ष अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
2002 के गुजरात दंगों से संबंधित विवादित डॉक्यूमेंट्री के मद्देनज़र भारत में समाचार वेबसाइट बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी याचिका में कहा गया था कि डॉक्यूमेंट्री भारत और इसके प्रधानमंत्री के वैश्विक उदय के ख़िलाफ़ गहरी साज़िश का परिणाम है.
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को 500 से अधिक भारतीय वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने देश की संप्रभुता और अखंडता को कम करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाना भारतीय नागरिकों के अधिकार का उल्लंघन करता है.
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और न्यायपालिका के बीच चल रही खींचतान के बीच बीते शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कॉलेजियम की सिफ़ारिशों पर केंद्र द्वारा देरी किए जाने पर इसे गंंभीर मुद्दा बताते हुए चेतावनी दी थी कि मामले में किसी भी देरी का परिणाम प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्रवाई के तौर पर निकलेगा.
मई 2022 में राजद्रोह क़ानून पर रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट औपनिवेशिक काल के दंडात्मक क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने वाला है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत अधिकतम सजा उम्रक़ैद है.
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने के मुद्दे पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ते हुए उन्हें अपने पास स्थानांतरित कर लिया है. केंद्र से 15 फरवरी तक इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब दाख़िल करने को कहा और निर्देश दिया कि 13 मार्च तक सभी याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाए.
इससे पहले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने दो समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत इसे मान्यता देने की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था. उस याचिका में कहा गया है कि एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों को भी उनकी पसंद के व्यक्ति से विवाह का अधिकार मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में दर्ज एक याचिका में दो समलैंगिक जोड़ों ने विवाह करने और विशेष विवाह अधिनियम के तहत इसे मान्यता देने की अनुमति मांगी है. याचिका में कहा गया है कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों को भी मिलना चाहिए.
शीर्ष अदालत ने बीते 11 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार ने भी इसके ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर की है.
कोविड-19 लॉकडाउन में देश में भुखमरी की स्थिति देखने के बाद इसे नकारना अमानवीय है. वैश्विक भुखमरी सूचकांक ने भारत की दुर्दशा बताई, तो केंद्र सरकार ने रिपोर्ट को ही ख़ारिज कर दिया. सवाल उठता है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों में भुखमरी और कुपोषण कम करने के लिए क्या किया है.
शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अपराधियों की सज़ा में छूट की सिफ़ारिश के आधार पर यह आदेश दिया था. उसके बाद नलिनी के अलावा आरपी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और वायुसेना को निर्देश दिया कि वे शॉर्ट सर्विस कमीशन की 32 सेवानिवृत्त महिला अधिकारियों को पेंशन लाभ देने के उद्देश्य से उनकी स्थायी कमीशन देने पर विचार करें. पीठ ने हालांकि, इस आधार पर उनकी सेवा बहाली का आदेश देने से इनकार कर दिया कि उन्हें 2006 और 2009 के बीच सेवा से मुक्त कर दिया गया था.