जस्टिस अरुण मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के सबसे प्रभावशाली जज बनने की कहानी

भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.

सीबीआई के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा को सरकार नहीं दे रही जीपीएफ और सेवानिवृत्ति का लाभ: रिपोर्ट

गृह मंत्रालय के एक पत्र से पता चला है कि आलोक वर्मा के पीएफ व अन्य लाभ पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि वह अनधिकृत अवकाश पर चले गए. पिछले साल सीबीआई निदेशक रहने के दौरान आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इसके बाद सरकार ने आलोक वर्मा को पद से हटा दिया था.

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूर्व सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी को बनाया स्वतंत्र निदेशक

पिछले साल सीबीआई में पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हुए विवाद के साथ कई अन्य मामलों के कारण पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी का चार साल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा था.

सीबीआई: केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा-राकेश अस्थाना विवाद से जुड़े अधिकारी का कार्यकाल ख़त्म किया

केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के डीआईजी अनीश प्रसाद का कार्यकाल बीच में ही समाप्त करते हुए उनके मूल कैडर वापस भेज दिया गया है. वे उन 14 अधिकारियों में शामिल थे, जिनका वर्मा-अस्थाना विवाद के बाद 24 अक्टूबर को तबादला किया गया था.

सीवीसी के ख़िलाफ़ शिकायतों से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं: केंद्र

एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि मुख्य सतर्कता आयुक्त/सतर्कता आयुक्तों के ख़िलाफ़ मिलीं आपत्तियों और शिकायतों से निपटने के लिए दिशानिर्देश तय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हाल ही में सीवीसी केवी चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

आलोक वर्मा मामले में घिरे सीवीसी केवी चौधरी पर पहले भी कई गंभीर सवाल उठ चुके हैं

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर सहारा-बिड़ला डायरी, नीरा राडिया केस, शराब व्यापारी पोंटी चड्ढा को टैक्स फायदा पहुंचाने, मोईन कुरैशी रिश्वत मामला, पोंजी स्कीम जैसे कई बड़े मामलों में सवाल उठ चुके हैं.

अस्थाना, सुशील मोदी और पीएमओ लालू के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने का दबाव बना रहे थे: सीबीआई निदेशक

बेस्ट ऑफ 2018: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को भेजे अपने जवाब में आरोप लगाया है कि आईआरसीटीसी घोटाले की जांच के समय राकेश अस्थाना, बिहार के उप मुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के लगातार संपर्क में थे और पर्याप्त साक्ष्य न होने के बावजूद लालू यादव के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराने की जल्दबाज़ी में थे.

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को भेजे जवाब में मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं

द वायर एक्सक्लूसिव: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बड़े अधिकारी के इशारे पर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर पक्षपात और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है.