छठ का भाजपाईकरण एक और पवित्र अवसर को विकृत करने का प्रयास है

छठ में कोई पंडित, पुरोहित नहीं होता, यह भाजपा के सांसद महोदय को किसी ने नहीं बताया. छठ बिना नदी या घाट के नहीं हो सकता, यह भी सांस्कृतिक मूर्ख ही बोल सकते हैं. असल बात है मन का पवित्र होना. मन में द्वेष, घृणा और दूसरे को नीचा दिखाने की सोच के साथ छठ की बात सोचना भी पाप है.

दिल्ली: पाबंदी के बावजूद यमुना के घाटों पर हुई छठ पूजा

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यमुना के किनारे सहित सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा समारोह के आयोजनों पर रोक लगा दी थी. हालांकि, भाजपा द्वारा प्रतिबंध के विरोध के बाद प्राधिकरण ने यमुना के किनारे को छोड़कर ‘निर्धारित स्थलों’ पर समारोह मनाने की अनुमति दी थी. हालांकि इसका स्पष्ट उल्लंघन देखा गया.

दिल्ली: डीडीएमए प्रतिबंधों के बावजूद भाजपा सांसद ने यमुना किनारे छठ पूजा की शुरुआत की

कोविड-19 के चलते दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा यमुना घाटों पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सोमवार को इस रोक के बावजूद भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा आईटीओ के पास एक घाट पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पूर्वांचली समाज के लोगों के साथ पहुंचे और वहां पूजा की. 

बिहार: मधेपुरा के डीएम ने छठ पूजा को लेकर जारी चेतावनी में मुस्लिमों से किया आगाह

बिहार के मधेपुरा के जिलाधिकारी के आदेश को खारिज करते हुए गृह विभाग ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गौर करेगा. वहीं, बिहार के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आदेश का लहज़ा बदला जाना चाहिए था.

‘करिहा छमा छठी मैया भूल चूक गलती हमार’

छठ के इस वीडियो को देखकर शहर में अकेले रह रहे उच्च और मध्यमवर्ग के लोग अपने जीवन में आ रही कमी को महसूस करते हैं. यह सुख-सुविधा की कमी नहीं है. यह रौनक और संस्कृति के तत्त्वों की कमी है.