मामला मुज़फ़्फ़रनगर के शुक्रताल के गौड़ीय मठ का है, जहां बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की शिकायत पर पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने दस नाबालिगों को मुक्त कराया था. बच्चों ने आश्रम के प्रबंधक भक्ति भूषण महाराज पर शराब पिलाने के बाद अश्लील वीडियो दिखाकर यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं.
चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन ने जानकारी दी है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से 20 से 31 मार्च के बीच उनके पास 3.07 लाख फोन कॉल आए, जिसमें से 30 फीसदी कॉल बच्चों से जुड़ी थीं, जिनमें हिंसा और उत्पीड़न से बचाने की मांग की गई थी.
पुरुषत्व और मर्दवाद की स्थापना के चलते लड़कों के लैंगिक शोषण को महत्वहीन विषय माना गया है. यदि कोई यह शिकायत करता है तो उसे अपमान झेलना पड़ता है और कमज़ोर माना जाता है.
आंकड़ों के मुताबिक बीते आठ सालों में ऐसी गुमशुदा बच्चियों की संख्या में तीन से चार गुना तक इज़ाफ़ा हुआ है, जिन्हें खोज पाने में पुलिस नाकाम रही.