उज़्बेकिस्तान में बच्चों की मौत मामला: कफ सीरप बनाने वाली भारतीय फर्म के तीन लोग गिरफ़्तार

नोएडा स्थित दवा निर्माता कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सीरप के परिणामस्वरूप कथित तौर पर दिसंबर 2022 में मध्य एशियाई देश उज़्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी संबंध में यह कार्रवाई की गई है.

वैश्विक भूख सूचकांक भारत की वास्तविक स्थिति नहीं दर्शाता, यह भूख मापने का ग़लत पैमाना: सरकार

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून 2013 लागू किया है, जो जनसंख्या के 67 प्रतिशत हिस्से की भूख का निराकरण करता है. साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है.

हंगर इंडेक्स: विपक्ष ने केंद्र पर साधा निशाना, सरकार ने कहा- इस्तेमाल किया गया तरीका अवैज्ञानिक

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत के 101वें पायदान पर पहुंचने के लिए विपक्षी दलों ने केंद्र की नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि यह सत्ताधीशों की कुशलता पर सीधा सवाल है. वहीं, सरकार ने इस गिरावट पर हैरानी जताते हुए रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘अवैज्ञानिक’ बताया है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: भारत 116 देशों में 101वें स्थान पर, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे

साल 2021 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत पिछले साल के 94वें स्थान से फिसलकर 101वें पायदान पर पहुंच गया है. आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’ बताया गया है.

हर चार में से तीन ग्रामीण भारतीयों को नहीं मिल पाता पौष्टिक आहार: रिपोर्ट

हाल ही में जारी वैश्विक भूख सूचकांक 2020 में भारत को 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर रखा गया है और देश भूख की ‘गंभीर’ श्रेणी में है.

वैश्विक भूख सूचकांक में 107 देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर

वैश्विक भूख सूचकांक, 2020 में भारत पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं. वहीं, नेपाल और श्रीलंका की स्थिति इन देशों की तुलना में ठीक है. सूची में ये ‘मध्यम’ श्रेणी में हैं.

क्या सरकार बच्चों और महिलाओं को भूखे-कमज़ोर रखकर भारत को आत्मनिर्भर बना सकती है?

लैंसेट के अध्ययन के अनुसार कोविड का मातृत्व मृत्यु और बाल मृत्यु दर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. इसके अनुसार भारत में छह महीनों में 3 लाख बच्चों की कुपोषण और बीमारियों से 14 हज़ार से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व या इसके दौरान मृत्यु हो सकती है. हालांकि वित्तमंत्री द्वारा घोषित 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज में कुपोषण और मातृत्व हक़ के लिए एक रुपये का भी आवंटन नहीं किया गया है.

भारत में पांच साल तक के 68 फीसदी बच्चों की मौत की वजह जच्चा-बच्चा का कुपोषण: रिपोर्ट

इंडिया स्टेट लेवल डिज़ीज बर्डन इनिशिएटिव नामक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2000 से भारत में पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मृत्यु दर 49 प्रतिशत घटी है, लेकिन राज्यों के बीच इसमें छह गुना तक और ज़िलों में 11 गुना तक अंतर है.

खाद्य सब्सिडी में 70,000 करोड़ रुपये की कटौती, प्रधानमंत्री की सुरक्षा का बजट बढ़ा

सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भी खाद्य सब्सिडी के बजट को कम करके 108688.35 करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कटौती की गई है.

मध्य प्रदेश: 24 घंटे में शहडोल ज़िला अस्पताल में छह आदिवासी बच्चों की मौत, जांच के आदेश

मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के वीरसिंहपुर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र में भी सोमवार को टीकाकरण के बाद एक माह से कम उम्र के दो नवजात बच्चों की मौत हुई है. शहडोल में सभी छह बच्चों की मौत 13 और 14 जनवरी की दरमियानी रात हुई. शिशुओं की आयु एक दिन से ढाई माह के बीच थी.

गोरखपुर में 12 माह में हज़ार से ज़्यादा बच्चों की मौत और योगी को कोटा की फ़िक्र: अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिनों राजस्थान के कोटा स्थित एक अस्पताल में एक महीने में 100 से अधिक बच्चों की मौत पर वहां की कांग्रेस सरकार, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा था.

भुखमरी से लड़ने में नाकाम भारत, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 117 देशों में 102वें स्थान पर

2019 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है, जहां भुखमरी गंभीर स्तर पर है.सूची के अनुसार पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार इस मामले में भारत से बेहतर स्थिति में हैं.

गोद देने वाली संस्थाओं में पिछले तीन साल में 776 बच्चों की मौत: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, गोद देने वाली संस्थाओं में एक अप्रैल 2016 से इस साल आठ जुलाई तक सबसे अधिक 124 बच्चों की मौत उत्तर प्रदेश में हुई. इसके बाद बिहार में 107 और महाराष्ट्र में 81 बच्चों की मौत दर्ज की गई.

मीडिया बोल: मुज़फ़्फ़रपुर की मौतें, सत्ता की बेफ़िक्री और मीडिया का मिजाज़

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौतों पर सरकार की बेफ़िक्री और मेनस्ट्रीम मीडिया की स्तरहीन पत्रकारिता पर जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. विकास बाजपेयी और वरिष्ठ पत्रकार बिराज स्वैन से चर्चा कर रहें हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.