भारत को लंबित पॉक्सो मामलों के बैकलॉग को निपटाने में कम से कम नौ साल लगेंगे: अध्ययन

इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के एक अध्ययन में बताया गया है कि साल 2022 में पॉक्सो अधिनियम के तहत केवल 3% मामलों में सज़ा हुई थी. अध्ययन के अनुसार, देश में 1,000 से अधिक फास्ट-ट्रैक अदालतों में से प्रत्येक हर साल औसतन केवल 28 मामलों का निपटारा कर रही है, जो 165 के लक्ष्य से कहीं पीछे है.

बायजूस के सीईओ पर छात्रों और अभिभावकों को लालच देकर अपने कोर्स बेचने के आरोप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ अपने पाठ्यक्रम बेचने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता को प्रलोभन देती है और फिर उनका शोषण करती है. आयोग ने उन आरोपों के संबंध में कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन को तलब किया है.

दिल्ली बाल आयोग ने एनसीईआरटी से पाठ्यपुस्तक से एक अध्याय हटाने या संशोधित करने के लिए कहा

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि 9वीं कक्षा की अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तक का ‘द लिटिल गर्ल’ नामक अध्याय पितृसत्ता को क़ायम रखता है और परिवार में बुरे व्यवहार को बढ़ावा देता है, इसलिए इसे संशोधित या हटाया जाना चाहिए.

एनएचआरसी ने ‘लड़कियों की नीलामी’ संबंधी ख़बरों को लेकर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के आधा दर्जन ज़िलों में ‘जाति पंचायतों के फ़रमान पर वित्तीय विवादों के निपटान के लिए लड़कियों की ‘स्टांप पेपर पर नीलामी की जा रही है’ और इससे इनकार करने उनकी माताओं का बलात्कार किया जाता है.

वर्ष 2021 में मध्य प्रदेश में 29 व राजस्थान में 14 बच्चे हर दिन लापता हुए: चाइल्ड राइट्स एंड यू

गैर-सरकारी संगठन ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राइ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत के चार प्रमुख राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बच्चों के लापता होने के माम‍लों में काफी वृद्धि हुई है. 2021 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में लापता लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में पांच गुना अधिक है.

किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन से मिलेगा अपराधियों को संरक्षण: चार राज्यों के बाल अधिकार निकाय

दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ के बाल अधिकार संरक्षण आयोगों ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जेजे एक्ट में हुए संशोधन को अधिसूचित न करने का आग्रह किया है. संशोधन में बाल शोषण संबंधी मामलों में कुछ अपराधों को ग़ैर संज्ञेय के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

उत्तर प्रदेश: दारुल उलूम देवबंद की आधिकारिक वेबसाइट पर रोक

बीते जनवरी माह में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर कथित रूप से ‘ग़ैरक़ानूनी और भ्रामक’ फतवा प्रकाशित करने के मामले की जांच करने को कहा था, जिसके बाद सहारनपुर के ज़िलाधिकारी ने वेबसाइट तक पहुंच पर रोक लगा दी है.

दिल्ली: मामूली अपराधों में किशोरों के ख़िलाफ़ लंबित मामले बंद न करने पर सरकार को फटकार

बीते एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से लंबित मामले तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का आदेश दिया था. इस पर कोई क़दम न उठाने जाने पर दिल्ली सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि बच्चों व किशोरों को इंतज़ार नहीं कराया जा सकता.

दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से लंबित मामले ख़त्म करने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही अधिकांश बच्चों को पुलिस ने पकड़ा नहीं है या पकड़े जाने पर तुरंत उनके माता-पिता को सौंप दिया जाता है, लेकिन मामला कलंकित करने वाला है और बच्चे की गरिमा को प्रभावित करता है. इसलिए इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.