‘प्रधानमंत्री ख़ुद को राजा मानने लगे हैं, शायद इसीलिए संसद में सेंगोल रखा जा रहा है’

वीडियो: नए संसद भवन में नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित 'सेंगोल' को लेकर दावा किया गया है कि 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. हालांकि, इतिहासकारों ने इस पर सवाल उठाए हैं.

केंद्र सरकार के ‘सेंगोल’ को आज़ादी के समय सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताने के दावे में कई झोल हैं

नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में दावा किया है कि 'सेंगोल' नामक स्वर्ण राजदंड 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. हालांकि, ऐतिहासिक प्रमाण इसकी पुष्टि नहीं करते.

मद्रास हाईकोर्ट ने चोल वंश की आलोचना करने पर फिल्मकार के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया

2019 में जाति विरोधी नेता टीएम उमर फ़ारुख़ की पुण्यतिथि के मौक़े रंजीत ने राजा राज चोलन की यह कहकर आलोचना की थी कि उनके शासनकाल में जाति व्यवस्था प्रचलन में थी, जिसके दौरान दलितों की ज़मीनें ज़ब्त की गईं और देवदासी प्रथा शुरू हुई. इस पर तंजावुर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.