द वायर बुलेटिन: क्लीन गंगा फंड की 80 फीसदी से अधिक राशि अब तक ख़र्च नहीं हुई

बिहार में एसडीएम से बदसलूकी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

क्लीन गंगा फंड की 80 फीसदी से अधिक राशि अब तक ख़र्च नहीं हुई

द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली क्लीन गंगा फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की समय पर बैठक नहीं होने की वजह से गंगा सफाई के लिए परियोजनाओं की स्वीकृति और पैसे ख़र्च नहीं हो पा रहे हैं.

पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं पार्टियां, केवल सत्ता हासिल करने की होड़: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

राजनेताओं के चहेते राहतकोष, जलप्रबंधन व जलवायु प्रबंधन योजना के नाम पर अपनी जेब भरते रहेंगे. ‘नमामि गंगे’ जैसी भ्रष्टाचारी प्रदूषण नियंत्रण योजनाएं बनाते रहेंगे. राजनैतिक दलों के घोषणापत्र दिखावा करके वोट लेने वाला भ्रमजाल फैलाते रहेंगे. जो जितना या ज्यादा झूठ सफाई से बोलेगा वो उतनी ही वोटों की कमाई अपने लिए कर लेगा.

झूठ बोलने और धोखा देने वालों को गंगा जी दंडित करती हैं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'मैं गंगा का बेटा हूं, गंगा ने मुझे बुलाया है. गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए काम करूंगा.’ पांच साल बीत गये, लेकिन इस सरकार ने गंगा जी की निर्मलता-अविरलता हेतु कुछ भी काम नहीं किया है. जैसे गंगा जी पहले मैली थीं, अब उससे भी ज्यादा मैली हो गई हैं.

नमामि गंगे के तहत श्मशान घाट बनाने में ख़र्च पर बतौर मंत्री उमा भारती ने उठाए थे सवाल

द वायर एक्सक्लूसिव: उमा भारती द्वारा इस दिशा में चिंता जाहिर करने के बावजूद मोदी सरकार ने घाट एवं श्मशान घाट से संबंधित योजनाओं के लिए 966 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. ये राशि शुरुआत में आवंटित की गई धनराशि से दोगुनी से भी ज़्यादा है.

गंगा सफाई के लिए बनी मंत्रालय स्तर की सर्वोच्च समिति की नहीं हो रही बैठक

कैग और भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति समेत कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा गंगा सफाई को लेकर चिंता जताने के बाद भी गंगा पर बनी समितियों की बैठक न करना नरेंद्र मोदी सरकार के गंगा सफाई के दावे पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

एनजीटी ने महत्वपूर्ण स्थलों पर गंगा जल की गुणवत्ता मासिक आधार पर सार्वजनिक करने को कहा

एनजीटी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह भी बताने का निर्देश दिया है कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य है या नहीं.

गंगा सफाई के लिए बनी मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई

द वायर एक्सक्लूसिव: गंगा की सफाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय गंगा परिषद की आज तक एक भी बैठक नहीं हुई. नियम है कि परिषद की साल में एक बैठक ज़रूर होनी चाहिए.

गंगा के लिए बिना कुछ किए प्रचार करने के मास्टर आदमी हैं मोदी: राजेंद्र सिंह

गंगा के लिए काम करने वाले मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह से धीरज मिश्रा की बातचीत.

गंगा सफाई के लिए आंदोलन कर रहे संत गोपाल दास लापता, चार दिन बाद भी कोई जानकारी नहीं

संत गोपाल दास पिछले 24 जून से आंदोलनरत हैं और इस दौरान तबियत बिगड़ने पर उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. गोपाल दास के सहयोगियों का आरोप है कि वे लापता नहीं हुए हैं बल्कि उन्हें लापता कराया गया है.

पीएमओ में दो महीने तक पड़ी रहीं जीडी अग्रवाल की चिट्ठियां, नहीं हुई कार्रवाई: आरटीआई

पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल गंगा सफाई के लिए 112 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे थे. बीते 11 अक्टूबर को उनका निधन हो गया. गंगा को लेकर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

प्रो. जीडी अग्रवाल के शव पर विवाद, हाईकोर्ट द्वारा अंतिम दर्शन का आदेश, सुप्रीम कोर्ट ने रोका

गंगा सफाई के लिए अनशन पर बैठे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को लेकर विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने अपना शरीर एम्स को दान में दे दिया था. उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लेकर विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है.

सत्ताधीश ‘नमामि गंगे’ का सब्ज़बाग दिखाते रहे और प्रो. जीडी अग्रवाल की बलि चढ़ गई

पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल ने 100 से ज़्यादा दिनों तक अपना अनशन जारी रखा तो सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकारों की असंवेदनशीलता के बावजूद उनके दिलोदिमाग में लोकतंत्र को लेकर कोई न कोई उम्मीद ज़रूर बाकी रही होगी. उनके जाने का दुख इस अर्थ में कहीं ज़्यादा सालता है कि ऐसा अनशन के अस्त्र के प्रणेता महात्मा गांधी के जन्म के एक 150वें वर्ष में हुआ है.

जीडी अग्रवाल के जीवित रहते मोदी ने उनके पत्र का नहीं दिया जवाब, अब दे रहे हैं श्रद्धांजलि

पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने छोटे भाई के रूप में संबोधित करते हुए गंगा सफाई के लिए तीन बार पत्र लिखा था. लेकिन उन्हें एक भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला.

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे जीडी अग्रवाल के वो तीन पत्र, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया

पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल ने गंगा नदी की सफाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा था. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.