कर्नाटक की विभिन्न अदालतों का यह फ़ैसला राज्य की भाजपा सरकार के 31 अगस्त 2020 के आदेश पर आधारित है. सरकार के क़दम से मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा, हिंदुत्ववादी संगठनों के 206 सदस्यों और 106 मुस्लिमों को राहत मिली है.
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद आरोप लगाया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में उनके ख़िलाफ़ विद्वेषपूर्ण मीडिया अभियान चलाया गया. याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया रिपोर्टों में उनके एक कथित बयान से यह बताने की कोशिश की जा रही है कि उन्होंने दंगों में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है. यह निष्पक्ष सुनवाई के उनके अधिकार के प्रति पूर्वाग्रह है.
बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा के दौरान गोकुलपुरी और दयालपुर इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ के मामलों के तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने कहा कि उनके नाम न प्राथमिकी में है, न ही उनके ख़िलाफ़ कोई विशिष्ट आरोप हैं.
आरोपियों को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा की गई शिनाख़्त का बमुश्किल कोई अर्थ है, क्योंकि भले ही वे घटना के वक़्त क्षेत्र में तैनात थे, पर उन्होंने आरोपियों का नाम लेने के लिए अप्रैल तक का इंतज़ार किया, जबकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्होंने आरोपियों को 25 फरवरी, 2020 को दंगे में कथित रूप से शामिल देखा था.
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जाफ़राबाद में फलों के गोदाम में लूट और आगजनी के मामले में तीन आरोपियों को ज़मानत देते हुए अदालत ने कहा कि जांच और चार्जशीट दाखिल करने में असावधानी बरती गई.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने दिल्ली दंगों के आरोपियों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा के ऑफिस पर छापेमारी की थी. सर्च टीम ने प्राचा के कंप्यूटर और विभिन्न दस्तावेज़ों को ज़ब्त किए थे, जिनमें केस की विस्तृत जानकारी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगे के दौरान 23 साल के फ़ैज़ान की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग से संबंधित याचिका पर दिल्ली सरकार और क्राइम ब्रांच को नोटिस जारी किया है. दंगों के दौरान एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी ज़मीन पर फ़ैज़ान समेत कुछ घायल युवकों से राष्ट्रगान गाने को कहते दिख रहे थे. फ़ैज़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा दिल्ली दंगों के आरोपियों की अदालत में पैरवी कर रहे हैं. प्राचा के सहयोगी वकीलों का आरोप है कि पुलिस की यह छापेमारी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज़ नष्ट करने का प्रयास था.
दिल्ली दंगों में आरोपी एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसियों द्वारा उनके घर पर हमला करने का आरोप लगाया था. पुलिस ने ऐसा कोई अपराध होने से इनकार करते हुए दावा किया था कि ख़ुद को बचाने के लिए आरोपी ये आरोप लगा रहा है.
बीते फरवरी माह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ज़ाफ़राबाद क्षेत्र में दंगों से संबंधित एक मामले में गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया गया था. इस मामले में सह-आरोपी पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को पहले ही ज़मानत दी जा चुकी है.
दिल्ली दंगा मामले में एक आरोपी ख़ालिद सैफ़ी को ज़मानत देते हुए एडिशनल सेशन जज ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ महत्वहीन सामग्री के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोई दिमाग नहीं लगाया बल्कि बदले की भावना से काम किया.
दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ़्तार ताहिर हुसैन को पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने कथित तौर पर बिना सूचना के लगातार निगम की तीन बैठकों में शामिल न होने के कारण पार्षद के तौर पर अयोग्य ठहराया दिया था. अदालत ने इस फ़ैसले को मनमाना और ग़ैर क़ानूनी बताया है.
पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में जेएनयू के एक पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को 14 सितंबर और शरजील इमाम को 25 अगस्त को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार से इनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति मिल गई है.
वीडियो: बीते फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कम से कम 14 मस्जिदों और एक सूफी दरगाह को जला दिया गया था. अब ज़्यादातर मस्जिदों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है.
मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार के पश्चिम रखाइन प्रांत में 24 शिविरों में अमानवीय स्थिति है और यह रोहिंग्याओं के जीवन के अधिकार एवं अन्य मूलभूत अधिकारों के लिए ख़तरा है. रिपोर्ट में इन शिविरों को खुली जेल बताया गया है.