केरल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा करने के लिए भाजपा नेता अनिल के. एंटनी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बुर्का पहने महिलाओं से जुड़ीं एक घटना पर टिप्पणी की थी. मंगलवार को ही केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक बयान देने के लिए केस दर्ज किया था.
मणिपुर के 10 कुकी-ज़ोमी विधायकों, जिनमें भाजपा के आठ विधायक भी शामिल हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया है कि इंफाल कुकी-ज़ोमी लोगों के लिए मौत और विनाश की घाटी बन गया है. विधायकों ने यह भी कहा है कि वे ‘व्यवस्थित जातीय सफाये’ के शिकार हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से समुदाय के उचित पुनर्वास के लिए 500 करोड़ रुपये मंज़ूर करने की अपील की है.
मणिपुर सरकार ने सभी कर्मचारियों को ‘अलगाववादी, राष्ट्र-विरोधी, सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले’ सोशल मीडिया समूहों से बाहर निकलने का एक साल पुराना आदेश फिर से जारी किया है. चेतावनी दी गई है कि हिंसाग्रस्त राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश करने वाली किसी भी चीज़ से जुड़े पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम ज़िले के चौकीपुरा गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. उपद्रवियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए टीमें गठित की गई हैं.
तीन वर्ष पहले 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई थी. अब राष्ट्रीय राजधानी के उसी हिस्से के ब्रह्मपुरी इलाके में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है कि सभी हिंदू मकान मालिकों को सूचित किया जाता है कि कोई भी अपना मकान मुसलमानों को नहीं बेचेगा. बेचा तो उसकी रजिस्ट्री नहीं होने दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के छजलैट क्षेत्र के दुल्लेपुर गांव का मामला. पुलिस ने कहा कि अब मामले को ख़ारिज कर दिया है, क्योंकि मामले की जांच में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला है.
मणिपुर सरकार ने अपने कर्मचारियों को उन सोशल मीडिया समूहों से बाहर निकलने का निर्देश दिया है, जो ‘अलगाववादी’, ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘सांप्रदायिक’ एजेंडे के प्रचार में लिप्त हैं. विशेष गृह सचिव द्वारा जारी एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 12 अगस्त शाम छह बजे तक वॉट्सऐप और फेसबुक पर ऐसे समूहों से बाहर निकलना होगा.
डोडा ज़िले में 17,400 फुट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश कुंड में भगवान वासुकी नाग मंदिर में कथित रूप से तोड़फोड़ होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई थीं, जिसके बाद पुलिस ने मामला डेढ़ किया. इसके ख़िलाफ़ क्षेत्र के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन करते हुए स्थानीयों ने दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की.
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक मुस्लिम संगठन रज़ा अकादमी के संयुक्त सचिव इरफ़ान शेख़ की शिकायत पर बीते 28 मई की रात दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है. शिकायत में ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे पर हुई एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद और उनकी पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप शर्मा पर लगाया गया है.
मेरठ ज़िले के कंकरखेड़ा में कथित तौर पर विवादित ज़मीन पर शव दफनाने को लेकर दो पक्षों के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद भाजपा और हिंदू संगठन के कुछ नेताओं के ख़िलाफ़ धार्मिक उन्माद भड़काने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
भारतीय जनता युवा मोर्चा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष विनोज पी. सेल्वम पर आरोप है कि राज्य में मंदिरों को ढहाने के आरोप और तंजावूर ज़िले के एक विद्यालय द्वारा छात्रावास में 17 साल की एक किशोरी की कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए बाध्य करने के संबंध में ट्वीट किया था. किशोरी ने आत्महत्या कर ली थी.
वीडियो: हरियाणा के पलवल में बीते 14 दिसंबर को 23 साल के मुस्लिम युवक राहुल ख़ान की कथित तौर पर उनके तीन दोस्तों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने पीड़ित के परिजनों को बताया था कि वह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है. हालांकि घटना का वीडियो सामने आने के बाद तीनों को गिरफ़्तार किया गया है.
घटना 14 दिसंबर को हुई थी. आरोप है कि दोस्तों के बीच हुए विवाद के बाद आरोपियों ने युवक को बेरहमी से पीटा, जिसके बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. आरोपियों ने पीड़ित के परिजनों को बताया कि वह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है. घटना का वीडियो सामने आने के बाद तीनों को गिरफ़्तार किया गया है.
जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर ख़ालिद के वकील का कहना है कि दिल्ली दंगे को लेकर दायर चार्जशीट में ख़ालिद को सांप्रदायिक दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन जिस पुलिस अधिकारी ने यह रिपोर्ट तैयार की है, उनका दिमाग ही सांप्रदायिक है. ख़ालिद को फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेब पोर्टल किसी भी चीज़ से नियंत्रण नहीं होते हैं. ख़बरों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और यह एक समस्या है. अंतत: इससे देश का नाम बदनाम होता है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम और कोविड-19 के प्रसार पर इसके प्रभाव को लेकर फ़र्ज़ी और सांप्रदायिक खबरें प्रसारित करने के ख़िलाफ़ दाख़िल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.