प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकराया

कांग्रेस की ओर से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी के 'विशेषाधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024’ का हिस्सा बनकर दल में शामिल होने की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पार्टी की ढांचागत समस्याओं को दूर करने के लिए उनसे ज़्यादा ज़रूरत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की है.

सोनिया गांधी से मिलने के बाद आज़ाद ने कहा: नेतृत्व परिवर्तन मुद्दा नहीं, संगठन को लेकर सुझाव दिए

कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद कहा कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन कोई मुद्दा नहीं है, उन्होंने सिर्फ संगठन को मज़बूत बनाने तथा आगे के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर अपने सुझाव दिए हैं.

कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब में अपनी हार की पटकथा ख़ुद लिख दी थी: वरिष्ठ नेता

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाएं उसी दिन कम होनी शुरू हो गई थी, जब कांग्रेस के कद्दावर नेता सुनील जाखड़ की जगह एक ऐसे बाहरी शख़्स नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी प्रभारी बनाया गया था, जो सिर्फ़ चार साल पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक के बाद एक बड़ी ग़लतियां कीं, जो चुनाव में उसकी क़रारी

कांग्रेस की वर्तमान पीढ़ी सुझावों को बग़ावत के तौर पर देखती है: ग़ुलाम नबी आज़ाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद उस जी-23 समूह का हिस्सा हैं, जिसने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी.

कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति से ग़ुलाम नबी आज़ाद को बाहर किया गया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद  जी-23 का हिस्सा हैं- इस समूह ने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दल के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी. अब पांच सदस्यीय नई अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति का पुनर्गठन कर दोबारा इसकी ज़िम्मेदारी पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को ही सौंपी गई है.

जम्मू कश्मीर: कांग्रेस के कई नेताओं का इस्तीफ़ा, स्थानीय नेतृत्व बदलने की मांग

कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के सात प्रमुख नेताओं समेत क़रीब 20 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना त्यागपत्र भेजा. नेतृत्व बदलाव की मांग के साथ उन्होंने कहा कि सूबे में उन्हें पार्टी संबंधित मामलों पर अपनी बात रखने का मौक़ा नहीं दिया गया. इन नेताओं में चार पूर्व मंत्री और तीन पूर्व विधायक भी शामिल हैं.