पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन और नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है. उधर, मेघालय में एनपीपी को 25 सीटें मिली हैं, लेकिन बहुमत से दूर होने के चलते गठबंधन सरकार बनने की उम्मीद है.
असम पुलिस ने एक परामर्श जारी कर लोगों से 22 नवंबर को हुई हिंसा के बाद पड़ोसी राज्य मेघालय की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी. बीते 22 नवंबर को कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
बीते 22 नवंबर को असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत की घटना के बाद से रविवार को लगातार छठे दिन यात्रा पाबंदी होने के साथ ही दोनों राज्यों की सीमा पर विवादित इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात है और निषेधाज्ञा आदेश अब भी लागू है.
असम ने लोगों के मेघालय जाने पर ‘पाबंदी’ जारी रखी. मेघालय ने सात प्रभावित ज़िलों में इंटरनेट पर रोक शनिवार को 48 घंटे के लिए बढ़ा दी. कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
असम-मेघालय सीमा पर पश्चिम कार्बी आंगलोग ज़िले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस को गोलियां चलाने की कोई ज़रूरत नहीं थी.
असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले में मेघालय सीमा पर लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक पर असम पुलिस द्वारा गोलीबारी करने का आरोप है. जबकि पुलिस का कहना है कि जब उसने ट्रक में अवैध लकड़ियों का परिवहन करने वालों को पकड़ लिया तो मेघालय के लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. हालात नियंत्रित करने के लिए उसे गोलियां चलानी पड़ीं.
असम में बाढ़ और भूस्खलन के चलते 151 लोग जान गंवा चुके हैं. कछार ज़िले का सिलचर दस दिन से जलमग्न हैं और वहां के निवासी भोजन, पेयजल व दवाइयों की कमी का सामना कर रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बन गई है. राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बीते 24 घंटे में राज्य के 28 ज़िलों में 24.92 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में इस साल बाढ़ से जुड़े हादसों में अब तक 139 लोगों की जान गई है. हफ्ते भर से अधिक समय से जलमग्न सिलचर शहर में अपने परिजन को खोने वाले परिवार पानी भरे होने के कारण शवों को श्मशान नहीं ले जा पा रहे हैं, वहीं ज़िला प्रशासन भी उन तक नहीं पहुंच पा
असम के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के चार बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 126 हो गई है. अधिकारियों के अनुसार, राज्य के 23 ज़िलों में 680 राहत शिविर और वितरण केंद्र चल रहे हैं, जहां 2,17,413 लोगों ने शरण ले रखी है.
असम में बाढ़ और भूस्खलन से अभी तक 101 लोगों की मौत हो गई है. इस साल बाढ़ की मौजूदा लहर में 99,026 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के फसल को नुकसान पहुंचा है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के पानी से कुल 233 शिविरों में से कम से कम 26 जलमग्न हो गए हैं और 11 जानवरों की डूबने से मौत हो गई है.
असम पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है, जिससे इसके 36 में से 32 ज़िलों में 47,72,140 लोग उससे प्रभावित हुए हैं. राज्य में वर्षाजनित हादसों में अब तक 82 लोगों की मौत हुई है. क़रीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है.
असम के नगांव ज़िले में बाढ़ में फंसे लोगों की मदद करने के लिए गए कामपुर पुलिस थाने के प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मी पानी के तेज़ बहाव में बह गए. उनके शव सोमवार को बरामद किए गए. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित ज़िला है, जहां 12.76 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग में लगभग 3.94 लाख लोग और नगांव में 3.64 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
भारत मौसम विभाग के अनुसार, असम और मेघालय में 15 जून को सामान्य से 272 मिमी अधिक बारिश हुई, जिससे व्यापक बाढ़ और भूस्खलन हुआ. असम के 28 जिलों में इस साल 18.95 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में राज्य में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है.
आम सहमति वापस लेने का अर्थ है कि सीबीआई मेघालय में अब किसी भी मामले की जांच राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं कर पाएगी. विपक्ष द्वारा शासित राज्यों का आरोप है कि सीबीआई केंद्र की कठपुतली बन गई है. हालांकि मेघालय में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग सरकार होने के बावजूद ऐसा फैसला लिया गया है. फैसले के पीछे मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के भाई पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को वजह बताया जा रहा है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, मणिपुर, मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.