जम्मू कश्मीर किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार, राज्य का दर्जा देने की कोई समयसीमा तय नहीं: केंद्र

भारत के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ 2019 में अनुच्छेद 370 में प्रावधानों में संशोधन कर जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने दोहराया कि जम्मू कश्मीर का केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा ‘अस्थायी’ है.

शीर्ष अदालत राजद्रोह क़ानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी

मई 2022 में राजद्रोह क़ानून पर रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट औपनिवेशिक काल के दंडात्मक क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने वाला है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत अधिकतम सजा उम्रक़ैद है. 

राजद्रोह क़ानून पर रोक का आदेश बरक़रार, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को समीक्षा के लिए और वक़्त दिया

बीते मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक आदेश में राजद्रोह क़ानून पर उस तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि केंद्र औपनिवेशिक काल के इस क़ानून की समीक्षा के अपने वादे को पूरा नहीं करता. कोर्ट ने कहा था कि इसकी समीक्षा होने तक क़ानून के इस प्रावधान का उपयोग न किया जाए.

राजद्रोह क़ानून के तहत 2014-19 के बीच 326 केस दर्ज, सिर्फ़ छह में दोषी क़रार: गृ​ह मंत्रालय के आंकड़े

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, छह सालों में राजद्रोह क़ानून के तहत कुल 326 मामले दर्ज किए गए. इनमें सबसे ज़्यादा असम में 54 मामले दर्ज किए गए, लेकिन एक भी दोष सिद्ध नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने क़ानून की समीक्षा होने तक राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया है कि इसके तहत कोई नई एफ़आईआर दर्ज न की जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने क़ानून की समीक्षा तक राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें किसी भी एफ़आईआर को दर्ज करने, जांच जारी रखने या आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत जबरदस्ती क़दम उठाने से तब तक परहेज़ करेंगी, जब तक कि यह पुनर्विचार के अधीन है. यह उचित होगा कि इसकी समीक्षा होने तक क़ानून के इस प्रावधान का उपयोग न किया जाए.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह क़ानून का बचाव करते हुए कहा- पुनर्विचार की ज़रूरत नहीं

राजद्रोह संबंधी दंडात्मक क़ानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पूछा था कि क्या इसे 1962 के फैसले के आलोक में पांच न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा जाना चाहिए. इस क़ानून के भारी दुरुपयोग से चिंतित शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई में केंद्र से पूछा था कि वह स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेज़ों द्वारा इस्तेमाल किए गए इस प्रावधान को निरस्त क्यों

पदोन्नति में एससी/एसटी आरक्षण पर संसदीय समिति ने बीएसएनएल और दूरसंचार विभाग को फटकारा

लोकसभा में पेश रिपोर्ट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने बताया कि 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीएसएनएल में एससी/एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति रोकी गई है.

एससी/एसटी के उप-वर्गीकरण संबंधी 2004 के फैसले पर फ़िर से ग़ौर करने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके 2004 के फैसले पर फ़िर से विचार किए जाने की ज़रूरत है, जिसमें कहा गया था कि शैक्षणिक संस्थानों में नौकरियों और प्रवेश में आरक्षण देने के लिए राज्यों के पास अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण करने की शक्ति नहीं है.

केरल: सबरीमाला मंदिर के कपाट खोले गए, 10 महिलाओं को वापस भेजा गया

पुलिस ने बताया कि आंध्रप्रदेश से आए समूह में शामिल लोगों के पहचानपत्र की जांच की गई और प्रतिबंधित उम्र सीमा में होने की वजह से सबरीमाला में मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर 10 युवा महिलाओं को वापस भेज दिया गया.

केरल: आज खुलेगा सबरीमाला मंदिर, सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने से किया इनकार

केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट आज शाम 5 बजे के आसपास खोले जाएंगे. सुरक्षा की दृष्टि से भगवान अयप्पा के मंदिर में और उसके आस-पास 10 हजार से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

अपनी सरकार से कहें कि हमारे फैसले खेलने के लिए नहीं हैं: जस्टिस आरएफ नरीमन

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने एक मामले की सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कृपया अपनी सरकार को सबरीमाला मामले में सुनाए गए असहमति के फैसले को पढ़ने के लिए कहें, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.....हमारा फैसला खेलने के लिए नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मामले में पुनर्विचार याचिकाओं को सात जजों की पीठ के पास भेजा

सबरीमाला मंदिर मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमाला तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य धर्मों में भी ऐसा है. सबरीमाला, मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश और दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं में खतना जैसे धार्मिक मुद्दों पर फैसला बड़ी पीठ लेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में किए बदलाव का फ़ैसला वापस लिया, होगी तुरंत गिरफ़्तारी

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए यह फ़ैसला दिया है. मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि इस एक्ट में मामला दर्ज होने पर फौरन गिरफ़्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

आज से दो महीने के लिए खुलेगा सबरीमाला मंदिर, केरल सरकार अदालती आदेश लागू करने पर अडिग

बीते 15 नवंबर को सबरीमाला पर सर्वदलीय बैठक विफल रही. महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने के लिए कोच्चि पहुंच गईं. लेकिन दक्षिणपंथी गुटों द्वारा विरोध प्रदर्शन के चलते वे एयरपोर्ट से बाहर नहीं आ सकी हैं.

सबरीमाला फैसले पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 22 जनवरी को पुनर्विचार याचिका पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दायर की गईं 49 याचिकाओं पर 22 जनवरी को खुली अदालत में सुनवाई होगी.

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