केंद्र द्वारा सर्विस रूल्स में बदलाव को पूर्व सिविल सेवकों ने असीमित उत्पीड़न का ज़रिया बताया

डीओपीटी द्वारा इस महीने की शुरुआत में जारी अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) संशोधन नियम, 2023 को लेकर 94 पूर्व सिविल सेवकों के एक समूह ने कहा है कि ये नियम लोक सेवकों के लिए राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर राय व्यक्त करना  नामुमकिन बना देंगे.

भाजपा सरकार सिविल सेवाओं के चरित्र को बदलने के लिए व्यवस्थित प्रयास कर रही है: पूर्व नौकरशाह

कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप से जुड़े पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा 'सिविल सेवाओं के चरित्र को बदलने' और सिविल सेवकों पर केंद्र के प्रति 'विशेष निष्ठा दिखाने' के लिए दबाव डालने का प्रयास किया जा रहा है.

न्यूज़ नेशन व ज़ी को फटकार, एनबीडीएसए ने कहा- बहस में निष्पक्ष न होने पर एंकर्स पर कार्रवाई हो

न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने न्यूज़ नेशन के 'धर्मांतरण जिहाद' पर किए गए शो और ज़ी न्यूज़ पर कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप के सदस्यों को 'चालाक और गैंग' कहने वाले प्रोग्राम को लेकर फटकार लगाई और इन कार्यक्रमों को चैनल की वेबसाइट, यूट्यूब व अन्य प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया है.

500 से अधिक लोग, 23 संगठन ने आधार-वोटर आईडी लिंक का विरोध किया, कहा- बेहद ख़तरनाक

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से 'फ़र्ज़ी मतदाताओं' को बाहर निकालने का हवाला देते हुए वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि जानकारों ने कहा कि जब वोटर लिस्ट की तुलना में आधार डेटाबेस में पहले से ही ज्यादा ख़ामियां हैं, तो इसे वोटर आईडी से जोड़कर समाधान कैसे निकाला जा सकेगा.

पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कहा- मतदाता सूची अपडेट करने की तुरंत ज़रूरत

देश के पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को खुला पत्रकर लिखकर चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जिसमें कमज़ोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.

पूर्व नौकरशाहों का खुला पत्र, कहा- यूपी में क़ानून व्यवस्था ध्वस्त, अंकुश न लगा तो लोकतंत्र का नाश तय

पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विरोध के अधिकार को दबाने के लिए हिरासत, आपराधिक आरोप और वसूली का आदेश आम तरीके बन गए हैं. उन्होंने पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की गिरफ़्तारी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट और पुलिस सहित यूपी में प्रशासन की सभी शाखाएं ‘ध्वस्त’ हो गई हैं.