उत्तर प्रदेश के बांदा में आत्महत्या का सिलसिला जारी, दो और मज़दूरों ने जान दी

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के अतर्रा और बिसंडा थाना क्षेत्र की घटना. एक मज़दूर दो महीने से काम न मिलने के कारण कथित तौर पर परेशान थे, जबकि एक अन्य मज़दूर गुजरात के वापी शहर से लौटे थे.

महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के बांदा लौटे प्रवासी मज़दूर ने आत्महत्या की

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोगों के आत्महत्या की ख़बरें लगातार आ रही हैं.

लॉकडाउन: ईपीएफओ से पैसा निकालने वालों में 74 फीसदी का वेतन 15,000 से कम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई महीने में कुल 11,540 करोड़ रुपये के 36.02 लाख दावों का निपटारा किया गया है.

श्रम क़ानूनों में ढील देने से बाल मज़दूरी बढ़ेगी: गैर सरकारी संगठन

ग़ैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन ने लॉकडाउन में श्रम क़ानूनों में ढील देने से महिला श्रमिकों पर दुष्प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई है और सरकार से विधेयक की समीक्षा करने की अपील की है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लाखों बच्चों को बाल श्रम में धकेले जाने की आशंका है. ऐसा होता है तो 20 साल में पहली बार बाल श्रमिकों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा.

लॉकडाउन: यूपी के बलिया और बांदा ज़िले में कथित आर्थिक तंगी के कारण दो मज़दूरों ने फांसी लगाई

उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में उत्तराखंड से लौटे मज़दूर अंजनी कुमार सिंह ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, बांदा ज़िले में ईंट-भट्ठे में काम करने वाला मज़दूर सुखराज प्रजापति ने अपनी जान दे दी है.

लॉकडाउन: पिछले कई दशकों में पारले-जी बिस्किट की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ अधिकारी मयंक शाह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पारले-जी बिस्किट की बिक्री में ज़बरदस्त वृद्धि हुई है. नतीजतन बाज़ार में इसकी हिस्सेदारी में 4.5 से पांच फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

लॉकडाउन: कर्नाटक की सबसे पुरानी कपड़ा कंपनी ने अपने 1300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

कर्नाटक के मंड्या ज़िले के श्रीरंगापट्टनम स्थित गोकुलदास एक्सपोर्ट्स कंपनी ने अपनी एक इकाई ‘यूरो क्लॉथिंग कंपनी-2’ कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते बंद कर दी है. इसके बाद से कर्मचारी कंपनी के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

कोविड-19 के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी मंदी की ओर: विश्व बैंक

विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आएगी, साथ ही विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 2.5 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है, जो क़रीब छह दशकों में पहली गिरावट होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 3.2 प्रतिशत की कमी देखी जाएगी.

कर्मचारियों ने छंटनी पर कहा, हमने दिल्ली गोल्फ़ क्लब को 21 साल दिए, अब हम कहां जाएं

वीडियो: दिल्ली गोल्फ़ क्लब ने 66 कर्मचारियों को पिछले सप्ताह निकाल दिया गया. क्लब प्रबंधन ने छंटनी का कारण कोरोना वायरस के कारण हो रही आमदनी में गिरावट को बताया है.

राष्ट्र मानवता की गरिमा बनाए रखें, कोविड-19 से सबसे अधिक शरणार्थी प्रभावित: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 ज़िंदगियों और आजीविकाओं को तबाह कर रहा है और सबसे कमज़ोर, सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं.

गिद्ध कहकर केंचुआ बनाए रखने की मेहता-मंशा

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों की मुसीबतों को कवर करने वाले पत्रकारों की तुलना गिद्धों से की. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

कोविड-19: अमर्त्य सेन समेत 225 से ज़्यादा हस्तियों ने सरकारों से 2500 अरब डॉलर का राहत कोष बनाने की मांग की

इन हस्तियों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य एवं आर्थिक आपदा को टालने के लिए वक्त तेजी से बीत रहा है. 44 करोड़ अतिरिक्त लोग ग़रीबी में फंस सकते हैं तथा 26.5 करोड़ अतिरिक्त लोगों को कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है.

तुषार मेहता के ‘गिद्ध’ पत्रकार और ग़ैरक़ानूनी होता असहमति का अधिकार

वीडियो: प्रवासी श्रमिकों के संकट के कवरेज के लिए 27 मई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष फोटो और वीडियो पत्रकारों के खिलाफ भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की टिप्पणी की ऑल इंडिया वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने आलोचना की है. इस पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

लॉकडाउन: समाचार पत्र संगठन ने कहा- केंद्र और राज्यों पर विज्ञापन के करोड़ों रुपये बकाया

पत्रकार संगठनों ने लॉकडाउन के दौरान सभी बर्ख़ास्तगी नोटिसों को निलंबित करने, वेतन कटौती वापस लेने, बिना वेतन छुट्टी पर भेजे जाने संबंधी नोटिस निलंबित रखने का निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका दाख़िल की है. इसके बचाव में इंडियन न्यूज़पेपर सोसायटी और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने हफ़लनामा दायर किया है.

लॉकडाउन के दौरान 29 में से 21 सूचना आयोग आरटीआई मामलों की कोई सुनवाई नहीं कर रहे

सतर्क नागरिक संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 11 सूचना आयोगों की वेबसाइट पर लॉकडाउन में कामकाज के संबंध में कोई भी नोटिफिकेशन उपलब्ध नहीं था. बिहार, मध्य प्रदेश और नगालैंड राज्य सूचना आयोगों की वेबसाइट ही काम नहीं कर रही थी.