भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक आदेश के ख़िलाफ़ अपील पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. उन्होंने न्यायिक फैसले सरकारों की पसंद के अनुरूप नहीं होने पर उनके द्वारा जजों की छवि ख़राब किए जाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ क़रार दिया और इस नई प्रवृत्ति पर अफ़सोस जताया.
सीबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) संबंधी भ्रष्टाचार के एक मामले में देशभर में 22 स्थानों पर छापेमारी के दौरान नौ किलोग्राम से अधिक सोना और 1.1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं. एनएचएआई के नौ शीर्ष अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित 13 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के दौरान उक्त एनएचएआई अधिकारियों ने निजी कंपनियों से धन लिया था.
पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग में दिए दो आवेदनों से पता चला है कि कैसे एकाएक उनके करिअर की समाप्ति के बाद से सरकार ने उनकी पिछली सेवा संबंधी पूरी जानकारी को ज़ब्त कर लिया. इसके बाद उनकी पेंशन, चिकित्सा पात्रता और ग्रैच्युटी समेत सभी सेवानिवृत्ति बकाये, यहां तक कि भविष्य निधि भुगतान भी देने से इनकार कर दिया गया.
बीते वर्ष अक्टूबर में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल मलिक ने राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि जब वे जम्मू कश्मीर में राज्यपाल हुआ करते थे तो उन्हें दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले 300 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी. दोनों सौदे रद्द कर दिए गए थे.
यह मामला बैंक द्वारा दिए गए एक फ़र्ज़ी ऋण से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 2011 और 2013 के बीच नियमों का उल्लंघन कर जाली दस्तावेज़ों के आधार पर आरईआई एग्रो समूह को 800 करोड़ रुपये का क़र्ज़ दिया गया. सीबीआई ने इस कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है.
दैनिक भास्कर अख़बार की पड़ताल बताती है कि केंद्र सरकार की नीति के तहत लघु एवं मध्यम उद्योगों को सस्ती दरों पर बेचे जाने वाले कोयले को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियों ने कई गुना अधिक क़ीमत पर अन्य राज्यों के व्यापारियों को बेचा और दस्तावेज़ों में फ़र्ज़ी तरीके से दिखाया कि यह कोयला हितधारकों को मिला.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले नागरिक समाज संगठनों को मानहानि, देशद्रोह, अभद्र भाषा, अदालत की अवमानना संबंधी आरोपों और विदेशी फंडिंग पर नियमों के साथ निशाना बनाया गया है.
माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन संबंधी निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि यह क़दम नैसर्गिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. विपक्षी यूडीएफ ने राज्यपाल से प्रस्तावित अध्यादेश को मंज़ूरी न देने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार के तर्क झूठे, राजनीति से प्रेरित और देश के क़ानूनों के ख़िलाफ़ हैं.
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने लोकपाल के समक्ष दर्ज शिकायतों की संख्या में गिरावट का हवाला देते हुए कहा है कि यह बिना जवाबदेही के वरिष्ठ नागरिकों का क्लब बन गया है. उन्होंने कहा कि बहुत उम्मीदों के साथ लोकपाल का गठन हुआ था लेकिन अफ़सोस है कि इसका भ्रष्टाचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, त्रिपुरा और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा ने जून 2021 में आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत मामला दर्ज किया था. उनके और उनके क़रीबियों कई ठिकानों पर तलाशी में 10 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगा था. ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच के दौरान सिंह अनेकों बार नोटिस जारी होने के बावजूद न कार्यालय में उपस्थित हुए और न ही उन्होंने जांच में सहयोग किया.
झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि आरटीआई से हर ब्लॉक में सिर्फ़ बिचौलिये पैदा हुए हैं. चर्चा के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मनरेगा योजना को और सशक्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर बेहतर तरीके से काम करने की ज़रूरत है. बेरोज़गारी की वजह से इस योजना की स्पष्ट ज़रूरत है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन शुक्ला पर एक निजी मेडिकल कॉलेज के पक्ष में आदेश देने के लिए घूस लेने का आरोप है. दरअसल इस कॉलेज में दाख़िले पर सरकार ने रोक लगा दी थी. यह केस 2017 के एक मामले से जुड़ा है, जहां सीबीआई ने छत्तीसगढ़ के पूर्व चीफ जस्टिस आईएम क़ुद्दुसी को भी गिरफ़्तार किया था.
साल 2014 में पूर्व कैग विनोद राय ने अपनी किताब में कांग्रेस नेता संजय निरूपम के नाम का उल्लेख उन सांसदों के साथ किया था, जिन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कैग की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम नहीं लेने के लिए उन पर कथित तौर पर दबाव डाला था. कांग्रेस ने कहा है कि संप्रग सरकार के ख़िलाफ़ साज़िश में विनोद राय मुख्य कठपुतली थे. उन्हें देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि कश्मीर जाने के बाद उनके सामने मंज़ूरी के लिए दो फाइलें लाई गई थीं. एक अंबानी और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली तत्कालीन पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री के बहुत करीबी थे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.