ब्रिटेन के नए यात्रा नियमों के अनुसार, भारत में कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लिए व्यक्ति को 'पूर्ण वैक्सीनेटेड' नहीं माना जाएगा और उन्हें दस दिन क्वारंटीन में रहना होगा. जिन देशों को इस नियम से बाहर रखा गया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, इज़रायल, सऊदी अरब, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया शामिल हैं, जहां एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, जो भारत में कोविशील्ड के रूप में उपलब्ध है, उपयोग में है.
एक याचिका में भारत सरकार और सभी राज्यों को समाज के कमज़ार तबकों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए घर-घर जाकर कोविड-19 रोधी टीके लगाए जाने की व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. याचिका के अनुसार, इन लोगों को कोविन पोर्टल पर ख़ुद को पंजीकृत करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि जब लोगों को टीका लेने या इससे इनकार करने का अधिकार है, तो कोई कारण नहीं है कि राज्य को यह रुख़ अपनाना चाहिए कि उन्हें मूल प्रोटोकॉल के संदर्भ में चार सप्ताह के बाद दूसरी खुराक लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ख़ासतौर से तब, जब वे टीके के लिए अपनी जेब से पैसे ख़र्च कर रहे हैं.
चामराजनगर ज़िले के उपायुक्त एमआर रवि ने कहा कि 'नो वैक्सीनेशन, नो राशन' अभियान के तहत ज़िले में मुफ़्त राशन चाहने वाले बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारकों को अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराना होगा. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सवाल उठाया है कि क्या इसके लिए पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं.
केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल का कारण टीके के प्रभावी होने से जुड़ा है, तो वे चिंतित हैं क्योंकि उन्हें दूसरी खुराक पहली खुराक दिए जाने के 4-6 सप्ताह के भीतर दे दी गई थी.
वायुसेना से बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारी ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने कहा था कि कोविड-19 टीका विशुद्ध रूप से स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं. इसके जवाब में वायुसेना की ओर से कहा गया कि टीकाकरण एक सेवा आवश्यकता है और सशस्त्र बलों के लिए व्यक्तिगत विकल्प नहीं है, जैविक हथियारों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए टीके की खुराक लेना आवश्यक है.
भारत सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना किया था, उस वैज्ञानिक सलाहकार समूह के तीन सदस्यों ने इससे इनकार किया था. इस पर स्पष्टीकरण देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि तीनों में से किसी सदस्य ने असहमति व्यक्त नहीं की थी.
केंद्र सरकार ने जिस वैज्ञानिक समूह की मंज़ूरी के आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने का दावा किया था, उसके तीन प्रमुख सदस्यों ने कहा है कि इस टीके की दो खुराक के अंतर को दोगुना करने की सिफ़ारिश के लिए निकाय के पास पर्याप्त डेटा नहीं है.
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर को थोड़ा कम करने की बात कहने वाले कुछ अध्ययनों की ख़बरों के संदर्भ में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि इस तरह की चिंताओं पर बिना हड़बड़ी के संतुलित रुख़ की ज़रूरत है. बीते महीनों में कोविशील्ड की खुराकों के बीच का समयांतर दो बार बढ़ाया गया है.
मुर्दे इतने अधिक हो गए कि लाशों को ठिकाने लगाने का सिस्टम बैठ गया. अब वे हिसाब मांगेगी. मृत्यु का, आंसू का, असहाय और अकेले पड़ने का, लुटने का, अस्पताल से लेकर अंतिम यात्राओं तक अपना आत्म सम्मान खोने का. जितना ढंकेंगे, चुप कराएंगे, झूठ बोलेंगे, सच उतना ही साफ होकर सामने आता जाएगा.
दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था कि मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें. कोवैक्सीन के दो डोज के बीच के समय में बदलाव नहीं किया गया है.
वीडियो: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक मई से 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण शुरू कर दिया है. हालाकि तमाम राज्यों ने वैक्सीन की कमी होने की बात की है. द वायर ने दिल्ली के वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वहां का हाल जाना और लोगों से बात की.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को सभी का टीकाकरण करना होगा, जबकि राज्यों को अस्पतालों में आधारभूत ढांचे में सुधार करने, अधिक चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती करने जैसे अन्य चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे पर ख़र्च करने की आवश्यकता है.