कोविशील्ड की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये, निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये तय

केंद्र सरकार के 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के निर्णय के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ने कोविशील्ड टीके की कीमत की घोषणा की, जिसे वह अपने पुणे संयंत्र में तैयार कर रही है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक घटिया क़दम है तथा पूरे देश में टीके की एक कीमत तय होनी चाहिए.

कोविड-19: कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद रूस में बनी ‘स्पुतनिक वी’ के इस्तेमाल को मिली मंज़ूरी

रूस में निर्मित ‘स्पुतनिक वी’ भारत में कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन है. इससे पहले जनवरी में पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ तथा भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी दी थी.

केंद्र को वैक्सीन की कमी की ज़िम्मेदारी लेते हुए फ़ौरन प्रभावी कदम उठाना चाहिए

देश में बेहद तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र अब तक वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया जाना चाहिए था. ज़ाहिर है कि इस दिशा में केंद्र सरकार की प्लानिंग पूरी तरह फेल रही है.

कोविड वैक्सीन जारी करने की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी साझा करने से स्वास्थ्य मंत्रालय का इनकार

एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा किए गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने वैक्सीन विशेषज्ञ समूह, सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैक्सीन को मंज़ूरी देने की प्रक्रिया और कोविन ऐप के उपयोगकर्ताओं का डेटा की सुरक्षा के मुद्दे पर जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया.

यूपी: कोविड-19 वैक्सीन की बजाय बुज़ुर्ग महिलाओं को लगाया एंटी रेबीज़ टीका, जांच के आदेश

घटना शामली ज़िले की है, जहां एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन वृद्ध महिलाओं को कोरोना वायरस की वैक्सीन के स्थान पर रेबीज़ का टीका लगा दिया गया. एक महिला की हालत बिगड़ने के बाद यह मामला सामने आया. परिजनों की शिकायत पर सीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं.

ब्राज़ील ने नहीं दी कोवैक्सीन को मंज़ूरी, कहा- मैन्युफैक्चरिंग मानकों पर सही नहीं

ब्राज़ील सरकार ने कोवैक्सीन के दो करोड़ डोज़ प्राप्त करने के लिए वहां भारत बायोटेक का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपनी के साथ क़रार किया था. वहां वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए देश की स्वास्थ्य नियामक एन्विसा की मंज़ूरी मिलना अनिवार्य है, जिसने कोवैक्सीन को स्वीकृति देने से इनकार कर दिया है.

कोविड टीका लगवाने में हिचक, कुल टीकाकरण का 57 फ़ीसदी केवल आठ राज्यों से हैं: पूर्व स्वास्थ्य सचिव

पूर्व स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव ने टीका लगवाने में हिचक के लिए ग़लत सूचना के प्रसार, इसे लेकर लोगों में स्थिति स्पष्ट न होने और कोरोना मामलों में गिरावट की वजह से बेसब्री ख़त्म होने को प्रमुख कारण बताया है. राव ने नियामक से टीके को लेकर उपयुक्त डाटा साझा करने और अभियान में निजी क्षेत्र को जोड़ने की वकालत भी की है.

डॉक्टरों की स्वास्थ्य मंत्रालय से अपील, कोविड टीकाकरण के बाद हुई 13 मौतों की जांच हो

16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद से अब तक विभिन्न राज्यों में 13 लोगों की जान गई है, इनमें से अधिकतर मौतें टीका लेने के बाद कुछ घंटों से लेकर पांच दिनों के भीतर हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से किसी भी मौत के लिए टीकाकरण के कारण होने को ख़ारिज किया है.

अमीर देश कोविड-19 टीके की जमाखोरी कर रहे हैं: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने विश्व आर्थिक मंच दावोस वार्ता में कहा कि दुनिया के अमीर देशों ने उत्पादकों से बड़ी मात्रा में टीके की खु़राक ले ली हैं और कुछ देशों ने तो अपनी जनसंख्या की ज़रूरत से चार गुना ज़्यादा मात्रा में टीके लिए हैं.

ओडिशा: टीकाकरण के बाद शख़्स की मौत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- टीके से कोई संबंध नहीं

मामला नौपाड़ा ज़िले का है. सोमवार को एक 27 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड को जी मिचलाने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अगले दिन उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बीमार होने के तीन दिन पहले कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगवाया था.

केंद्र ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों से कहा- वैक्सीन के ख़िलाफ़ अफ़वाह फैलाने वालों पर कार्रवाई हो

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ दोनों सुरक्षित हैं और इन्हें लेकर ग़लत सूचनाएं फैलाने वालों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

तेलंगाना: टीकाकरण के बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत, अधिकारी ने कहा- मृत्यु का कारण टीका नहीं

तेलंगाना में अभी तक 69,625 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के निदेशक के अनुसार, अभी तक राज्य के 77 लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से तीन को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था और उनकी हालत स्थिर है.

क्या कोवैक्सीन को मिली मंज़ूरी पहले टीका लेने वालों के लिए इधर कुआं-उधर खाई वाली स्थिति है

कोवैक्सीन को लेकर जानकारियों/आंकड़ों पर गोपनीयता का पर्दा पड़ा हुआ है और हम एक ऐसी मुश्किल स्थिति में हैं, जिसमें कम से कम कुछ लोगों के पास वैक्सीन लेने के अलावा शायद और कोई विकल्प नहीं है, भले ही उनके मन में अपनी सलामती को लेकर कितना ही संदेह क्यों न हो.

कोरोना वैक्सीन से जुड़े अहम सवाल, जिन्हें पूछा जाना चाहिए

वीडियो: बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित टीके कोवैक्सीन को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.

महाराष्ट्र: कोविड-19 टीकाकरण के बाद सात लोग अस्पताल में भर्ती

अमरावती मंडल के अकोला और बुलढाना ज़िलों में कोविशील्ड टीका लगवाने के एक दिन बाद सात व्यक्तियों को मांसपेशियों में दर्द और बुखार की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया है. अमरावती के मंडलायुक्त पीयूष सिंह का कहना है कि वे सभी ठीक हैं और उन्हें जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.