भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,33,81,728 हो गई है, जबकि 4,43,928 लोग इस महामारी का शिकार बनकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 22.70 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 46.69 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
बताया जा रहा है कि अभिनेता सोनू सूद के घर पर की जा रही जांच टैक्स चोरी के आरोपों और लखनऊ में किए गए एक संपत्ति सौदे से जुड़ी है. इससे पहले बुधवार को आयकर विभाग के अधिकारी कथित कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में सूद से जुड़े मुंबई के कुछ परिसरों में पहुंचे थे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,33,47,325 हो गई है, जबकि 4,43,928 लोग इस महामारी का शिकार बनकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 22.63 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 46.59 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मोदी सरकार के एजेंडा के चलते कोविड-19 के ख़तरे को कम दर्शाने के लिए वैज्ञानिकों पर दबाव डाला. अख़बार ने ऐसे कई सबूत दिए हैं, जो दिखाते हैं कि परिषद ने विज्ञान और साक्ष्यों की तुलना में सरकार के राजनीतिक उद्देश्यों को प्राथमिकता दी.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,33,16,755 हो गई है, जबकि अब तक इस महामारी की चपेट में आकर 4,43,497 लोगों की मौत हुई है. दुनिया में संक्रमण के कुल 22.58 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 46.49 लाख से ज़्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों और पुलिस प्रमुखों को इस आरोप पर नोटिस भेजे हैं कि किसानों के जारी विरोध प्रदर्शनों से औद्योगिक इकाइयों और परिवहन पर ‘प्रतिकूल प्रभाव’ पड़ा है और आंदोलन स्थलों पर कोविड-19 सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया गया है.
नीति संबंधी निर्णयों में आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका है. सरकार यदि लोगों के जीवन, ख़ासकर स्वास्थ्य-शिक्षा, रोज़गार में सुधार लाना चाहती है, तो ज़रूरी है कि उनके पास इनका सही आकलन करने की क्षमता, सही आंकड़े व जानकारी हों. वर्तमान सरकार जिस तरह विभिन्न डेटा और रिकॉर्ड न होने की बात कह रही है, वो देश को उस 'डेटा ब्लैकहोल' की ओर ले जा रहे हैं, जिसके अंधेरे में सुधार की राह खो गई है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,32,89ए579 हो गई है, जबकि अब तक इस महामारी की चपेट में आकर 4,43,213 लोगों की मौत हुई है. दुनिया में संक्रमण के कुल 22.52 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 46.39 लाख से ज़्यादा लोग जान गंवा चुके हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,32,64,175 पहुंच गई है और अब तक 4,42,874 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दुनिया में संक्रमण के कुल 22.46 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 46.30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, इसमें कोविड-19 के सिर्फ़ उन मामलों को गिना जाएगा, जिनका पता आरटी-पीसीआर जांच से, मॉलीक्यूलर जांच से, रैपिड-एंटीजन जांच से या किसी अस्पताल में क्लीनिकल तरीके से किया गया है. ज़हर का सेवन करने से मृत्यु, आत्महत्या, दुर्घटना के कारण मौत जैसे कारकों को कोविड-19 से मृत्यु नहीं माना जाएगा, भले की कोविड-19 एक पूरक कारक हो.
मामला अंडमान निकोबार द्वीप समूह का है, जहां पुलिस ने पिछले साल एक स्वतंत्र पत्रकार को कोविड-19 वायरस की रोकथाम को लेकर अपनाई जा रही अजीबोग़रीब क्वारंटीन नीति से संबंधित एक ट्वीट पर हिरासत में लिया था. पत्रकार ने ट्विटर पर अंडमान प्रशासन को टैग करते हुए सवाल किया था कि जिन परिवारों ने केवल कोविड मरीज़ों से केवल फोन पर बात की है, उन्हें क्वारंटीन के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है.
भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,32,36,921 पर पहुंच गई है और मृतकों को कुल आंकड़ा 4,42,655 हो गया है. विश्व में संक्रमण के कुल 22.42 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 46.24 लाख से ज़्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाल विधानसभा चुनावों के तहत बाराबंकी में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. औवेसी और कार्यक्रम आयोजकों के ख़िलाफ़ कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में मामला दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर एक और मामला दर्ज किया गया है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,32,08,330 हो गए हैं और मृतकों का आंकड़ा 4,42,317 है. विश्व में संक्रमण के कुल 22.38 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और अब तक 46.16 लाख से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 6-13 वर्ष के बीच के 42 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल बंद होने के दौरान किसी भी प्रकार की दूरस्थ शिक्षा का उपयोग नहीं करने की सूचना दी. इसका मतलब है कि उन्होंने पढ़ने के लिए किताबें, वर्कशीट, फोन या वीडियो कॉल, वॉट्सऐप, यूट्यूब, वीडियो कक्षाएं आदि का इस्तेमाल नहीं किया है.