दिल्ली सरकार कोविड-19 से मौत के लिए मुआवज़े की घोषणा से पीछे नहीं हट सकती: हाईकोर्ट

दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल का 5 मई 2020 को कोविड-19 ड्यूटी के दौरान संक्रमण से निधन हो गया था. तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की थी. याचिका में मृतक कॉन्स्टेबल की पत्नी ने कहा है कि वह वादे के बाद मुआवज़ा हासिल करने के लिए दर-दर भटकती रही हैं.

बिना समय गंवाए कोविड-19 से मृत लोगों के परिजनों को मुआवज़ा दें राज्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को बिना समय गंवाए कोविड-19 से मृत लोगों के परिजनों को मुआवज़े का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि अगर किसी दावेदार को मुआवज़ा राशि का भुगतान न किए जाने या फिर उनका दावा ठुकराए जाने के संबंध में कोई शिकायत है तो वे संबंधित शिकायत निवारण समिति का रुख़ कर सकते हैं.

कोविड से हुईं मौतों पर डब्ल्यूएचओ के अनुमान ख़ारिज करने के लिए सरकार ने ग़लत डेटा प्रयोग किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 2020 में ही भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 8.30 लाख लोगों की मौत हुई. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव का विश्लेषण बताता है कि इन अनुमानों को तथ्यों से परे बताकर ख़ारिज करने के लिए केंद्र सरकार ने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया, उनकी विश्वसनीयता भी संदिग्ध है.

साल 2020 में देश में हुई कुल 81.2 लाख लोगों की मौत, कोविड-19 के चलते डेढ़ लाख: आरजीआई

देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों के आंकड़े पर डब्ल्यूएचओ समेत कई स्वतंत्र विशेषज्ञों और संगठनों द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने साल 2020 का नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) डेटा जारी किया है. इसके अनुसार 2020 में देश में 81.2 लाख लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है. 

कोविड-19 से मौतों के आंकड़े सही नहीं, तकनीकी आधार पर मुआवज़ा ख़ारिज न करें: सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि कोविड-19 से हुईं मौतों के आंकड़े सही और वास्तविक नहीं हैं, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि पीड़ितों के परिजनों द्वारा किए गए मुआवज़े संबंधी आवेदन फ़र्ज़ी हैं.

कोविड: तीन राज्यों में आधिकारिक आंकड़े से 3.5 लाख ज़्यादा मौतें, मुआवज़ा पाना टेढ़ी खीर

जनवरी की शुरुआत तक राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से हुई अतिरिक्त यानी आधिकारिक आंकड़े से ज़्यादा मौतें, सरकारी संख्या से 12 गुना से अधिक थीं. रिकॉर्ड के बेतरतीब रखरखाव और लालफीताशाही के कारण हज़ारों परिवार मुआवज़े से वंचित हो सकते हैं.

गुजरात: सरकारी आंकड़ों में कोविड से दस हज़ार मौतें, मुआवज़े के लिए आए 90 हज़ार आवेदन

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने कोरोना पीड़ितों द्वारा मुआवज़े संबंधी 68,370 दावों को मंज़ूरी दी है, हालांकि अपने आधिकारिक आंकड़ों में सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या 10,094 ही बताई है.

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘तकनीकी आधार’ पर कोविड-19 मौतों के लिए मुआवज़ा अस्वीकार न करें राज्य सरकारें

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से मौत से संबंधित दावों की तुलना में कम संख्या में मुआवज़ा दिए जाने को लेकर राज्य सरकारों की खिंचाई की है. कोविड-19 के कारण मौत संबंधी दावों की कम संख्या और ख़ारिज किए गए आवेदनों की अधिक संख्या को लेकर बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये आंकड़े वास्तविक नहीं, बल्कि सरकारी हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 मृतकों के परिजनों को पचास हज़ार रुपये मुआवज़ा देने को स्वीकृति दी

सुप्रीम कोर्ट ने बीते जुलाई में कहा था कि कोविड से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार मुआवज़े के हक़दार हैं और इस बारे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिशानिर्देश जारी करने चाहिए. प्राधिकरण ने ऐसे परिवारों को बतौर अनुग्रह राशि 50,000 रुपये देने की सिफ़ारिश की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने मंज़ूरी दे दी है.

कोविड-19 मुआवज़ा: कोर्ट की केंद्र को फटकारा, कहा- दिशानिर्देश बनाने तक तीसरा चरण भी ख़त्म हो जाएगा

कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवज़ा देने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हमने काफी पहले आदेश पारित किया था. हम एक बार समय अवधि में विस्तार कर चुके हैं. जब तक आप दिशानिर्देश बनाएंगे तब तक कोविड-19 का तीसरा चरण भी समाप्त हो जाएगा.