उत्तर प्रदेश: छह महीनों में गोकशी और गोवंश की तस्करी के ख़िलाफ़ अभियान में 3,867 गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) ने बताया कि एक जनवरी 2020 से आठ जून 2020 तक गोवध निवारण कानून के तहत 867 मामलों में आरोपपत्र दाखिल कर दिए गए हैं, जबकि 44 मामलों में रासुका और 2197 मामलों में गैंगस्टर एक्ट और 1,823 मामलों मे गुंडा एक्ट लगाया गया है.

पहलू ख़ान लिंचिंग: दोनों दोषी किशोरों को तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा गया

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि जब अपराध हुआ उस समय दोनों दोषी नाबालिग थे. अब वे 18-21 वर्ष आयु वर्ग के हैं इसलिए उन्हें किशोर सुधार गृह भेजने की सजा सुनाई गई है.

पहलू खान लिंचिंग: किशोर न्याय बोर्ड ने दो नाबालिगों को दोषी करार दिया

साल 2017 में पहलू खान की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में यह पहली दोषसिद्धी है. पिछले साल अगस्त में अलवर की निचली अदालत ने मामले के छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था.

पहलू ख़ान के ख़िलाफ़ गो-तस्करी में दर्ज केस राजस्थान हाईकोर्ट ने ख़ारिज किया

राजस्थान के अलवर में अप्रैल 2017 में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने मवेशी ले जा रहे पहलू ख़ान, उनके दो बेटों और ट्रक चालक पर हमला कर दिया था. इस हमले के दो दिन बाद पहलू ख़ान की अस्पताल में मौत हो गई थी.

अलवर लिंचिंगः राजस्थान सरकार ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की

साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू खान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. इस साल अगस्त महीने में निचली अदालत ने मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया.

पहलू खान मामले की जांच करेगी एसआईटी, 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश

राजस्थान सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच में हुई खामियों और अदालत के निर्णय की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया.

पहलू खान लिंचिंग: अदालत ने कहा, पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों को पेश नहीं किया

राजस्थान की अदालत ने अपने फैसले में मामले की एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर पुलिस को फटकार लगाई और कहा कि यह जांच अधिकारी की ओर से बरती गई गंभीर लापरवाही दिखाता है. इससे पहले बुधवार को अदालत ने मामले में छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

पहलू खान लिंचिंग मामले में सभी छह आरोपी बरी

साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी.

हरियाणा के पलवल में कथित गोरक्षक की गोली मारकर हत्या

मृतक की परिजन ने गोतस्करों द्वारा हत्या किए जाने का आरोप लगाया. पलवल पुलिस ने बताया कि हत्या के संबंध में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अब तक गोतस्करों द्वारा हत्या किए जाने का कोई सबूत नहीं मिला है.

पीट-पीटकर मार दिए गए पहलू ख़ान के बेटों के ख़िलाफ़ जांच के लिए पुलिस को मंज़ूरी

राजस्थान की अलवर पुलिस ने गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू ख़ान के दो बेटों- इरशाद और आरिफ़ तथा ट्रक ऑपरेटर ख़ान मोहम्मद के ख़िलाफ़ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था.

मध्य प्रदेशः ग्रामीणों ने गो-तस्करी के आरोप में गोवंश ले जा रहे 25 लोगों को पकड़ा, पीटा

मामला खंडवा ज़िले का है, जहां रविवार को ग्रामीणों की भीड़ ने आठ ट्रकों में गोवंश ले जा रहे लोगों पकड़कर उनके हाथ रस्सी से बांधे, खदेड़ते हुए थाने तक लेकर गए और गोमाता की जय के नारे लगवाए.

गहलोत सरकार ने पीट-पीटकर मार दिए गए पहलू ख़ान और उनके दो बेटों को बताया गो-तस्कर

साल 2017 में गो-तस्करी के आरोप में 55 वर्षीय पहलू ख़ान को राजस्थान के अलवर में भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया था. मामले में पुलिस ने पहलू ख़ान द्वारा शिनाख्त किए गए सभी छह आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी. राजस्थान पुलिस ने इस साल 29 मई को अदालत में यह आरोप-पत्र पेश किया था.

मध्य प्रदेश में गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों को होगी पांच साल की जेल और जुर्माना

मध्य प्रदेश सरकार ने गोवंश वध निषेध अधिनियम 2004 में संशोधन को मंजूरी दी है. इस विधेयक को सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है.

राजस्थान के अलवर में फिर मॉब लिंचिंग, कथित गोरक्षकों ने पीट-पीटकर किया अधमरा

अलवर ज़िले के किशनगढ़बास थाना क्षेत्र के बघेरी खुर्द गांव में रविवार सुबह मोहम्मद सगीर को कथित गोरक्षकों ने बेरहमी से पीटा. गंभीर रूप से घायल सगीर ज़िला अस्पताल के आईसीयू में ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.

अब पराया लगता है यह देश

हम देश के एक छोटे से क़स्बे में पले-बढ़े लेकिन उस दौर में लोगों का दिलो-दिमाग राजनीति ने इतना छोटा नहीं था, जबकि देश का विभाजन हुए बहुत अरसा भी नहीं बीता था. नफ़रत की ऐसी आग नहीं लगी हुई थी, जैसी आज लगी है.