इससे पहले उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक अस्थायी गोशाला में रह रही पांच लावारिस गायों की कथित तौर पर ठंड से मौत हो गई.
राज्य के आगर मालवा ज़िले में कथित तौर पर अवैध रूप से गाय ले जाने का मामला. इससे पहले खंडवा ज़िले में गोहत्या के मामले में तीन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019-2020 के बजट में गोशालाओं के रखरखाव के लिए 247.60 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. शराब की बिक्री पर लगे विशेष शुल्क से मिले करीब 165 करोड़ रुपये निराश्रित एवं बेसहारा गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण के लिए इस्तेमाल होंगे.
हैदराबाद के 'मांस पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र' की रिसर्च में पता चला है कि 2014 से 2017 के बीच पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा पकड़े गए मांस में से सिर्फ सात प्रतिशत ही गोमांस था.
कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता का नाम लेना छोड़ दिया है. वह विचार जो उस पार्टी का विशेष योगदान था, भारत को ही नहीं, पूरी दुनिया को, उसमें उसे इतना विश्वास नहीं रह गया है कि चुनाव के वक़्त उसका उच्चारण भी किया जा सके.
गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव उत्तराखंड विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित. पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा में कहा कि गाय के गोबर और गौमूत्र में औषधीय गुण होते हैं.
गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.
मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में प्रेम नारायण नाम के एक शख़्स की सत्तू लाल यादव नामक व्यक्ति से गाय पर विवाद हो गया. जिसके चलते पांच लोगों ने कथित तौर उनका एक हाथ तलवार से काट दिया.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
बीते 4 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूरे पशु समाज को एक जीवित व्यक्ति के अधिकार, कर्तव्यों और देनदारियों के साथ एक क़ानूनी इकाई घोषित कर दिया था. 2017 में इसी कोर्ट ने गंगा को एक जीवित इकाई के रूप में मान्यता दी थी.
शीर्ष अदालत ने हमले में बच गए समीउद्दीन को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है. बीते 18 जुलाई को मांस कारोबारी क़ासिम क़ुरैशी पर भीड़ ने गोकशी के संदेह में पी- पीट कर मार डाला था. पुलिस ने भीड़ के हमले की बजाय रोड रेज का मामला दर्ज किया है.
घटना हनुमानगढ़ ज़िले के भादरा तहसील स्थित एक गोशाला की है. गोशाला प्रमुख ने बताया कि दो बाड़ों में 300 से अधिक गायें अचानक बीमार हो गईं जिनमें से 29-30 गायों की मौत हो गई.
अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन वह शहरी मध्यवर्ग, जो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आया था, वह इस हिंसा पर उदासीन बना हुआ है.
तेलंगाना के गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने कहा कि वह नहीं चाहते कि ख़ून-खराबा हो. इसे रोकना है तो गाय को ‘राष्ट्र माता’ घोषित किया जाए.
जनता जब आर्थिक न्याय की मांग करती है, तब उसे किसी दूसरी चीज में उलझा देना चाहिए. क्रांति की तरफ बढ़ती जनता को हम रास्ते में ही गाय के खूंटे से बांध देते हैं.