विपक्ष ने कोविन डेटा में सेंधमारी के दावे को लेकर उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की

सरकार द्वारा कोविड-19 टीकाकरण की बुकिंग के लिए बनाए गए कोविन ऐप पर अपलोड की गई नागरिकों की निजी जानकारी टेलीग्राम ऐप पर डालने की खबर सामने आई है. विपक्षी दलों ने इसकी गहन जांच की मांग की, साथ ही कांग्रेस ने सरकार के संपूर्ण डेटा प्रबंधन तंत्र की न्यायिक जांच की मांग की.

कोविन ऐप से लिया गया नागरिकों का डेटा टेलीग्राम पर उपलब्ध हुआ: रिपोर्ट

मलयाला मनोरमा की रिपोर्ट बताती है कि अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर टेलीग्राम पर डाला जाता तो रिप्लाई बॉट (Reply bot) फ़ौरन उसके द्वारा कोविन ऐप पर दिए गए विवरण जैसे आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड की जानकारी मुहैया करा देता. साथ ही, इसमें व्यक्ति का जेंडर, जन्मतिथि और उन्होंने कहां वैक्सीन ली, यह जानकारी भी थी. केंद्र सरकार ने डेटा लीक से इनकार किया है.

सरकारी पैनल ने कोविड-19 रोधी टीके से जुड़ी पहली मौत की पुष्टि की

कोविड-19 का टीका लगाए जाने के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) का अध्ययन करने वाली राष्ट्रीय समिति ने माना है कि 68 साल के एक व्यक्ति को बीते मार्च में को टीका लगाया गया था, जिसके बाद गंभीर एलर्जी (एनाफिलैक्सिस) होने से उनकी मृत्यु हो गई. हालांकि समिति ने कहा कि कोविड-19 से मौत के ज्ञात जोख़िम की तुलना में टीकाकरण से मृत्यु का जोख़िम नगण्य है.

सिर्फ़ 56 फ़ीसदी स्वास्थ्यकर्मियों और 47 फ़ीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स का पूर्ण टीकाकरण हुआः सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 82 फ़ीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस टीके की सिर्फ़ एक डोज़ लगी है, जबकि 56 फ़ीसदी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है. इसी तरह 85 फ़ीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की एक, जबकि 47 फ़ीसदी को दोनों डोज़ लगी है.

पश्चिम बंगालः कोविड-19 टीका लगने के बाद चार की हालत बिगड़ी, टीकाकरण अभियान रोका गया

मामला बर्द्धमान-दुर्गापुर क्षेत्र का है, जहां कोरोना का टीका लगाए जाने के पश्चात कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ी. राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक लोगों के बीमार होने के कारणों और टीकाकरण से इसके संबंध की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन टीकाकरण अभियान रोक दिया गया है.