मुक्त कृषि बाज़ार की बातों के बावजूद मोदी सरकार की निर्यात नीतियां कामचलाऊ और मनमानी हैं

मोदी सरकार सोचती है कि यह कृषि उत्पादों के वैश्विक व्यापार को मनमर्ज़ी ढंग से नियंत्रित कर सकती है और किसानों और व्यापारियों को नुकसान पहुंचाए बगैर अपने फ़ैसलों को रातोंरात बदल सकती है.

थोक महंगाई जुलाई में माइनस 0.58 प्रतिशत हुई, खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई दर जुलाई में माइनस 0.58 फीसदी रही, जबकि जून महीने में यह माइनस 1.81 फीसदी थी.

पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिसंबर में 7.35 फीसदी पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भी दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर सामान्य स्तर को लांघ चुकी है. वहीं, दिसंबर महीने में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 फीसदी ऊपर थीं. साल 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी पर चल रही थी.

मोदी सरकार में बदहाल हुई ग्रामीण अर्थव्यवस्था, यूपीए से भी ख़राब हाल

यूपीए सरकार की तुलना में बीते पांच वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी दर में वृद्धि बहुत कम रही है और यह सिर्फ कृषि क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है.

खुदरा के बाद थोक महंगाई दर में भी बढ़ोतरी, पिछले साल की तुलना में दोगुने स्तर पर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति मई में 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 प्रतिशत थी.