केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बिशप जोसेफ कल्लारंगत की 'नारकोटिक और लव जिहाद' संबंधी टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बयान किसी भी परिस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए.
बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने बीते सप्ताह कहा था कि केरल में ग़ैर मुस्लिम, ख़ासकर ईसाई लड़कियां लव और नारकोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं. इस बयान पर हुए विवाद के बीच भाजपा की केरल इकाई ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र से 'जिहादी' गतिविधियां रोकने की मांग की है.
बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने हाल में कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियां लव और नारकोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं. भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. वहीं, माकपा और कांग्रेस ने ईसाई-मुस्लिम सद्भावना को नष्ट करने की कथित ‘संघ परिवार के एजेंडे’ को लेकर चेतावनी दी है.
साइरो-मालाबार चर्च से संबंधित बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने गुरुवार को कहा था कि केरल में ग़ैर मुस्लिम, ख़ासकर ईसाई लड़कियां ‘लव और नारकोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है, वहीं भाजपा बिशप के समर्थन में है. इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि नारकोटिक्स का कोई पहलू है तो वो है समाज-विरोधी. कोई भी धर्म ड्रग्स की बिक्री और इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं देता.
केरल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य एमसी जोसेफिन ने इस हफ्ते एक टीवी चैनल के लाइव कार्यक्रम में घरेलू हिंसा की शिकायत करने वाली एक महिला से कथित असंवेदनशील तरीके से बात की थी, जिस पर विवाद होने के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा से दिया.
घटना खोवई ज़िले की है, जहां ग्रामीणों ने रविवार सुबह पांच मवेशी ले जा रहे एक मिनी ट्रक को अगरतला की तरफ जाते देखा और पीछा कर उसमें सवार तीनों लोगों की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार जांच जारी है और अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले में जुलाई, 2017 में स्कूल से घर जा रही नाबालिग छात्रा की कोटखाई जंगल इलाके में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने मामले की सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि असली अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि मृत्युपर्यंत आजीवन कारावास की सज़ा पाने वाले लकड़हारे को झूठा फंसाया गया है.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.
2018 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से त्रिपुरा के वरिष्ठ पत्रकार समीर धर के आवास पर हुआ यह इस तरह का तीसरा हमला है. आरोप है कि पिछले साल सितंबर में मुख्यमंत्री बिप्लब देव द्वारा सार्वजनिक बैठक में मीडिया को धमकाने के बाद से पत्रकारों पर इस तरह के हमले तेज़ हुए हैं.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन समेत पंद्रह मंत्रियों ने संविधान के नाम पर शपथ ली, वहीं पांच ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली. नए कैबिनेट में 75 फीसदी नेता पहली बार मंत्री और दस पहली बार विधायक बने हैं. साथ ही मंत्रिमंडल में पहली बार तीन महिलाओं को जगह मिली है.
शैलजा टीचर प्रसंग बताता है कि माकपा में व्यापक जनमत को लेकर कोई विशेष सम्मान नहीं है. वह जनमत को पार्टी लाइन के आगे नहीं मानती है. इसी हठधर्मिता के कारण वो सिंगूर और नंदीग्राम में जनता के विरोध के बावजूद अपनी लाइन पर अड़ी रही और बर्बाद हो गई. सत्ता चली गई, लाइन बची रह गई!
निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को केरल में निपाह वायरस के अलावा कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से तमाम नेताओं ने नाख़ुशी ज़ाहिर की है. पिनराई विजयन की गठबंधन सरकार में माकपा के कोटे से 11 नए मंत्री होंगे, जिनमें उनके दामाद भी शामिल हैं. पार्टी का कहना है कि उन्होंने पहले ही कहा था कि कैबिनेट में नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
कई सालों से मोदी-शाह की जोड़ी ने चुनाव जीतने की मशीन होने की जो छवि बनाई थी, वह कई हारों के कारण कमज़ोर पड़ रही थी, मगर इस बार की चोट भरने लायक नहीं है. वे एक ऐसे राज्य में लड़खड़ाकर गिरे हैं, जो किसी हिंदीभाषी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं करता कि वे उनके राज्य को कैसे बदलने की योजना रखते हैं.
बंगाल के समाज के सामूहिक विवेक ने भी उस ख़तरे को पहचाना, जिसका नाम भाजपा है. तृणमूल कांग्रेस की यह जीत इसलिए बंगाल में छिछोरेपन, लफंगेपन, गुंडागर्दी, उग्र और हिंसक बहुसंख्यकवाद की हार भी है.
कानपुर जैसे शहर में एक युवा कम्युनिस्ट और ट्रेड यूनियन के सदस्य के बतौर काम करने के दौरान देखे गए पुलिस और प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये ने मेरे लिए वर्गीय दृष्टिकोण और वर्गीय सत्ता की सच्चाई को और प्रमाणित कर दिया.