1971 में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ को उनकी ज़मीन पर हराया था और देश में क्रिकेट को लेकर नई उम्मीदों और उत्साह का प्रसार हुआ था. उस समय में जवान हो रहे लोगों के लिए यह केवल खेल के मैदान में मिली जीत पर खुश होने का नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सामूहिक क्षमताओं से रूबरू होने का पल था.
भारतीय इतिहास में 1971 एक ऐसे साल के तौर पर दर्ज है, जब मुश्किल यथार्थ के बीच भी भारत ने अपने बारे में अच्छा महसूस किया. यह सिर्फ उम्मीद का साल नहीं था, भारत में छिपे जीत के जज़्बे की आत्मपहचान का वर्ष भी था.
दो दशक से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहीं 38 वर्षीय मिताली राज ने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ लखनऊ में तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हज़ार रन पूरा करने वाली वह दूसरी महिला खिलाड़ी हैं. इससे पहले इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स ने यह उपलब्धि हासिल की थी.
जनवरी 2017 में जबसे महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़ी, तबसे करिअर के अंतिम ढाई सालों में उन्हें तारीफ़ से ज़्यादा आलोचना मिली. टीम के हर कमज़ोर प्रदर्शन के बाद उनके संन्यास के कयास लगने शुरू हो जाते, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इन सालों में भी उनकी चमक फ़ीकी नहीं पड़ी थी.
चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के दूसरे मंत्री हैं, जिनका कोरोना वायरस से निधन हुआ है. इससे पहले बीते दो अगस्त को राज्य की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का भी निधन इस महामारी के कारण हो गया था. चौहान उत्तर प्रदेश कैबिनेट में सैनिक कल्याण, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा मंत्री थे.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मैच खेलकर करीब 17,000 रन बनाए और विकेट के पीछे 829 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा है. 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 में उन्होंने चैंपियंस ट्राफी जीता है. वह एकमात्र क्रिकेट कप्तान हैं, जिसने आईसीसी के इन तीन ख़िताबों पर क़ब्ज़ा किया है. सुरेश रैना ने भी संन्यास की घोषणा की.
क्रिकेट संबंधी हर छोटी-बड़ी जानकारी और आंकड़े सहेजने वाली 'क्रिकेट सम्राट' पत्रिका अब से नहीं छपेगी. क़रीब 42 बरसों तक देश में क्रिकेट के चाहने वालों के लिए किसी पसंदीदा उपन्यास-सी प्रिय रही पत्रिका का प्रकाशन लॉकडाउन के चलते हुए घाटे के कारण बंद कर दिया गया है.
वीडियो: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने हाल ही में पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि उनका करिअर बर्बाद करने के लिए लोग चैपल को दोष देते हैं, लेकिन इसमें उनका कोई हाथ नहीं है. इसे लेकर ट्विटर पर लोगों ने उन्हें ट्रोल किया. यहां तक कह दिया कि वे अगला आतंकी हाफ़िज़ सईद बनना चाहते हैं. इस मुद्दे पर द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने उनसे बातचीत की.
चुन्नी गोस्वामी 1962 के एशियाई खेल की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के कप्तान रहे थे. एक क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया था.
16 नवंबर 2019 से 11 वकीलों को 1.63 करोड़ रुपये का भुगतान दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की ओर से किया गया है. इन वकीलों में दो सक्रिय राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं. इनमें सबसे ज़्यादा 37.62 लाख रुपये का भुगतान रिटायर जस्टिस दीपक वर्मा को किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी टी-ट्वेंटी विश्वकप के फाइनल में है और इसका श्रेय 16 वर्षीय शेफाली वर्मा की बल्लेबाज़ी को जाता है. महज़ छह महीने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आई शेफाली अपने शानदार प्रदर्शन के चलते दुनिया के उत्कृष्ट बल्लेबाज़ों की आईसीसी रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गई हैं.
आईसीसी की एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट की विभिन्न श्रेणियों को जोड़कर देखें तो 11 भारतीय महिला क्रिकेटर टॉप 10 रैंकिंग वाली हैं जबकि पुरुष क्रिकेटरों की संख्या महज 6 है. वर्तमान पुरुष क्रिकेटरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद देश में महिला क्रिकेट को न दर्शकों से समुचित तवज्जो मिलती है न ही मीडिया से.
बीसीसीआई ने धोनी के अलावा दिनेश कार्तिक, ख़लील अहमद और अंबाती रायडु से भी क़रार ख़त्म कर लिया है. वहीं कप्तान विराट कोहली, उप-कप्तान रोहित शर्मा और तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ‘ए प्लस’ ग्रेड में बने हुए हैं, जिन्हें अनुबंध के तहत प्रति वर्ष सात करोड़ रुपये मिलते हैं.
विश्व कप क्रिकेट के फाइनल के सुपर ओवर में मैच टाई रहने पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था. हालांकि, दुनियाभर के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की थी.
विश्वकप क्रिकेट फाइनल के आखिरी ओवर में फेंके गए ओवरथ्रो पर अंपायर कुमार धर्मसेना ने छह रन दिया था. इस फैसले को पूर्व अंपायर साइमन टफेल समेत कई विशेषज्ञों ने गलत बताया था.