गंभीर अपराधों में ज़मानत देने से पहले पीड़ित और परिवार के अधिकारों पर विचार हो: हाईकोर्ट

जघन्य अपराध के दोषियों की ज़मानत के लिए व्यापक मानदंड निर्धारित करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि पीड़ित से परामर्श के बाद उस पर अपराध के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक प्रभाव आदि के आकलन के बाद ही आरोपी को ज़मानत दी जानी चाहिए.