इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए अदालतों से कहा- बिना बाध्यकारी कारणों के सुनवाई स्थगित न करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संसद और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश इन विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुविधा सुनिश्चित करेंगे और इन्हें ऐसी तकनीक अपनाने के लिए भी सक्षम बनाएंगे, जो प्रभावी कामकाज के लिए व्यवहारिक हो.

सांसद-विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों के शीघ्र निपटान के लिए पीठ गठित करें हाईकोर्ट: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने से परहेज़ किया, लेकिन कहा कि उच्च न्यायालयों को सांसदों और विधायकों के लिए लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान की निगरानी के लिए अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में ‘सांसदों और विधायकों के लिए नामित अदालतें’ शीर्षक से स्वत: संज्ञान मामले दर्ज करने चाहिए.

विशेष क़ानूनों के तहत विभिन्न राज्यों में सांसदों/विधायकों के ख़िलाफ़ 200 से अधिक मामले लंबित

सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि पांच मार्च 2020 और 10 सितंबर 2020 के आदेश के अनुपालन में उच्च न्यायालयों को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों/विधायकों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत 175 मामले और धनशोधन निषेध क़ानून के तहत 14 मामले लंबित हैं.