महंगाई को काबू में लाने के लिए नीतिगत दर बढ़ाना ‘राष्ट्र विरोधी क़दम’ नहीं: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने स्वीकार किया जब प्रमुख ब्याज दर यानी नीतिगत दर बढ़ानी पड़ती है, कोई भी खुश नहीं होता. उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझने के लिए कहा कि यह उपाय कोई ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं’, जो विदेशी निवेशकों को लाभांवित करेगा, बल्कि एक निवेश है, ‘जिसका सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नागरिक है’.

नोटबंदी से हुआ था जीडीपी वृद्धि दर को नुकसान: रिपोर्ट

अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक शोध ब्यूरो द्वारा जारी एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद 2016 में नवंबर-दिसंबर महीने के दौरान रोजगार सृजन में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी.

कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी बोले, नोटबंदी की योजना बेहतर तरीके से बनाई जाती, तो नतीजा और होता

नोटबंदी के दो साल बाद प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने 2000 रुपये का नोट लाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं, तो उससे बड़ा नोट लाने की क्या ज़रूरत थी?

नोटबंदी-जीएसटी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी, मंदी झेलने को तैयार रहें: पूर्व आर्थिक सलाहकार

केंद्र की मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय संकट में है. उसे मंदी झेलने को तैयार रहना चाहिए.

रिज़र्व बैंक की प्रतिष्ठा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सही हो: अरविंद सुब्रमण्यम

अपनी आने वाली किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि आईएलएंडएफएस की ताजा विफलता से न केवल वाणिज्यिक बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी प्रभावित हुईं. इन विफलताओं के लिए रिज़र्व बैंक को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले, अर्थव्यवस्था के लिए झटका थी नोटबंदी

नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया कि नोटबंदी से पहले दर्ज हुई 8% की आर्थिक वृद्धि इस फैसले के बाद 6.8 % पर पहुंच गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी हुई.