आलोक वर्मा मामला: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, सरकार ने जस्टिस पटनायक रिपोर्ट नहीं साझा की

आलोक वर्मा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई चयन समिति का हिस्सा रहे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके द्वारा मांग करने के बावजूद सरकार ने जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट को साझा नहीं किया.

राकेश अस्थाना के प्रदर्शन पर की गई टिप्पणी को वापस लेने के लिए आलोक वर्मा से मिले थे सीवीसी

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में रिकॉर्ड की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को वापस लेने के लिए कहा था.

पूर्व सीजेआई ने कहा, आलोक वर्मा को अपनी बात रखने का मौका ना देना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है

पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति को आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका देना चाहिए था और इसके बाद फैसला लेना चाहिए था.

सीवीसी जांच की निगरानी करने वाले पूर्व जज ने कहा, आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के सबूत नहीं

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति ने आलोक वर्मा को हटाने के लिए बहुत जल्दबाजी में फैसला लिया. सीवीसी जो कहता है वह अंतिम शब्द नहीं हो सकता है.

आलोक वर्मा का ‘इस्तीफ़ा’, कहा- मुझे हटाने के लिए प्राकृतिक न्याय और कायदे-क़ानून का गला घोंटा गया

सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड्स का निदेशक नियुक्त किया गया था.

पढ़ें: आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने के ख़िलाफ़ मल्लिकार्जुन खड़गे का विरोध पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया.

आलोक वर्मा को अपना पक्ष रखने का मौका क्यों नहीं दिया गया: सुब्रमण्यम स्वामी

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रक्रिया को देखते हुए आलोक वर्मा को सीवीसी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जाना चाहिए था. अगर ऐसा किया जाता तो हम सभी फैसले का स्वागत करते.

सीबीआई की अखंडता बचाने की कोशिश की, इसे नष्ट किया जा रहा था: आलोक वर्मा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की एक लंबी बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया गया.

वो सात महत्वपूर्ण मामले जिनकी जांच आलोक वर्मा कर रहे थे

अक्टूबर 2018 में छुट्टी पर भेजे जाने से पहले आलोक वर्मा राफेल सौदे से लेकर स्टर्लिंग बायोटेक जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामले देख रहे थे. इनमें से एक मामला ऐसा है जिसमें प्रधानमंत्री के सचिव आरोपी हैं.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को पद से हटाया

नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी भी थे. वर्मा को पद से हटाने का फ़ैसला बहुमत से किया गया, जहां खड़गे ने इसका विरोध किया.

आलोक वर्मा मामले पर फैसले के लिए चयन समिति में चीफ जस्टिस नहीं, एके सीकरी होंगे सदस्य

बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को ख़ारिज कर दिया और वर्मा पर लगे आरोपों को लेकर चयन समिति द्वारा एक हफ्ते के भीतर फैसला लेने को कहा था.

आलोक वर्मा की बहाली एक आंशिक जीत है: प्रशांत भूषण

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की बहाली पर सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जब कोर्ट यह मानता है कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजना क़ानून के ख़िलाफ़ था, तो उन्हें बहाल करने के साथ उनकी सारी शक्तियां भी देनी चाहिए थीं. उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी के निर्णय तक उन्हें नीतिगत फ़ैसले से रोकने का कोई प्रावधान नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को बहाल किया

डीओपीटी और सीवीसी द्वारा वर्मा को उनकी शक्तियों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के आदेश को ख़ारिज करते हुए अदालत ने सीवीसी की उच्चाधिकार प्राप्त समिति से एक हफ़्ते के भीतर निर्णय लेने को कहा है.