तमिलनाडु: 60 दलित आज़ादी से पहले की प्रथा ख़त्म करते हुए जूते पहनकर सड़क पर निकले

दलित समुदाय के 60 सदस्य ने 24 दिसंबर को तिरुपुर ज़िले के मदाथुकुलम तालुक के राजावुर गांव में पहली बार जूते पहनकर उस सड़क पर निकले, जहां उन्हें जाने की मनाही थी. ऐसा करते हुए उन्होंने कथित ऊंची जातियों के उस अनकहे नियम को तोड़ दिया, जो दलितों को सड़क पर चप्पल-जूते पहनकर चलने से रोकता था.

भीम आर्मी का भविष्य क्या है

चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा स्थापित भीम आर्मी लगातार दलितों से जुड़े मुद्दों को उठाने का दावा करती रही है, लेकिन क्या बहुजन समाज को इस पर भरोसा है?

अडानी के आयोजन का स्पॉन्सर होने के चलते तमिल कवयित्री का पुरस्कार लेने से इनकार

तमिल कवयित्री सुकीरथरिणी को न्यू इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अग्रणी 12 महिलाओं को दिए जाने वाले 'देवी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था. अवॉर्ड से इनकार करते हुए सुकीरथरिणी ने कहा कि अडानी समूह द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम का हिस्सा बनना उनके लेखन और सिद्धांतों के ख़िलाफ़ होगा.

दलितों ने जो अधिकार संघर्ष से हासिल किए थे, आज वो सब खोते जा रहे हैं

बहुत सारे अधिकार संविधान सभा की बहसों से निकले थे, जब भारतीय संविधान बना तो उसमें उन अधिकारों को लिख दिया गया और बहुत सारे अधिकार बाद में दलितों ने अपने संघर्षों-आंदोलनों से हासिल किए थे. हालांकि दलितों का बहुत सारा समय और संघर्ष इसी में चला गया कि राज्य ने उन अधिकारों को ठीक से लागू नहीं किया.

चौरासी दलित सांसद होने पर भी दलितों की सुनवाई नहीं होती: मार्टिन मैकवान

साल 2047 तक छुआछूत मिटाने को लेकर शुरू हुए अभियान पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और गुजरात के नवसर्जन ट्रस्ट के संस्थापक मार्टिन मैकवान से अजय आशीर्वाद की बातचीत.