बाड़मेर के रामसर में 20 जुलाई को 22 वर्षीय दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या के मामले में गिरफ़्तार दो आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि जांच जारी है.
भोपाल के बैरसिया तहसील के एक गांव में किसान की ज़मीन पर दबंगों ने क़ब्ज़ा कर लिया था. उन्होंने विरोध किया तो उन्हें केरोसिन डालकर ज़िंदा जला दिया गया. हत्या का आरोपी एक प्रभावशाली किसान होने के साथ सत्ताधारी भाजपा का पदाधिकारी भी है.
इस साल मार्च में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी के साथ ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर गए थे. आरोप है कि गर्भगृह के रास्ते पर कुछ सेवादारों ने उनका रास्ता रोका था और कुछ ने उनकी पत्नी के साथ धक्का-मुक्की भी की थी.
घटना राजधानी भोपाल के बैरसिया तहसील के परसोरिया गांव की है. किसान की ज़मीन पर कुछ दबंगों ने क़ब्ज़ा कर लिया था. उसने विरोध किया तो पेट्रोल डाल कर ज़िंदा जला कर मार दिया.
हिसार ज़िले के भाटला गांव में रहने वाले दलित समुदाय के लोगों का आरोप है कि पिछले तीन माह से दलित इलाकों में पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित की जा रही है.
साक्षात्कार: यलगार परिषद के सुधीर धवले की गिरफ़्तारी के साथ दलित समाज के प्रति भाजपा और मीडिया के रवैये पर भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर से प्रशांत कनौजिया की बातचीत.
गांधीनगर के मनसा तालुका के परसा गांव में पुलिस की सुरक्षा में दलित युवक की शादी संपन्न हुई.
भाजपा सांसद उदित राज ने कहा कि दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाएं इसलिए बढ़ रहीं हैं क्योंकि किसी के मन में क़ानून का कोई डर नहीं रह गया है.
गुजरात के मेहसाणा जिले में भी मोजड़ी पहनने के चलते राजपूत समुदाय के लोगों ने एक दलित नाबालिग की पिटाई कर दी.
अनेक ‘शुभचिंतक’ दलों के बावजूद भेदभावों के ख़िलाफ़ दलितों की लड़ाई अभी लंबी ही है. ये ‘शुभचिंतक’ दल दलितों के वोट तो पाना चाहते हैं लेकिन उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.
द वायर की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए मेरठ पुलिस ने कहा कि पूछताछ में नाबालिग ने नहीं बताई अपनी उम्र. दलित होने की वजह से नाबालिगों की गिरफ़्तारी के आरोप पर पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया.
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी उस परिपत्र का हवाला दिया था जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी गई थी.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक आरोपी पिछले महीने पीड़ित महिला के रिश्तेदार द्वारा अपने नाम में 'सिंह' जोड़ने को लेकर दर्ज करवाई गई शिकायत से नाराज़ थे.
पुणे पुलिस ने माओवादियों से जुड़ाव का आरोप लगाते हुए तीन अलग-अलग शहरों से पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और दलितों के साथ हुई हिंसा का ज़िम्मेदार बताया.
एक दलित नेता ने दावा किया है कि अगर सरकार अब भी उनकी मांगें नहीं मानती तो हजारों अन्य दलित अगस्त में बौद्ध धर्म अपना लेंगे.