भीमा-कोरेगांव हिंसा के एक दिन बाद 2 जनवरी 2018 को एक दलित कार्यकर्ता ने श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के अध्यक्ष संभाजी भिड़े और समस्त हिंदू अघाड़ी नेता मिलिंद एकबोटे के ख़िलाफ़ हिंसा को उकसाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा कि सरकार को चार्जशीट के लिए मंज़ूरी का प्रस्ताव मिला है, इस पर निर्णय लिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले की घटना. आरोप है कि दलित युवक ने अपनी बकरियों को खिलाने के लिए आम के पेड़ से पत्ते तोड़े थे, जिसके बाद आरोपियों ने उसकी पिटाई की थी. पुलिस ने केस दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है.
कई राज्यों की जेलों के मैनुअल कारागार के अंदर किए जाने वाले कामों का निर्धारण जाति के आधार पर करने की बात कहते हैं.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि यह मामला पिछले दो महीनों से चल रहा है. पुलिस कई बार मामले को सुलझा चुकी है और फ़िलहाल मामले की जांच जारी है.
योगी आदित्यनाथ सरकार के नए क़ानून का उद्देश्य केवल ध्रुवीकरण नहीं बल्कि स्त्रियों को उनके अधिकारों और अपने लिए निर्णय लेने की उनकी क्षमता से उन्हें वंचित करना भी है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.
यूपी पुलिस ने बीते अक्टूबर में हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट लेकर जाने को कहा था, जिस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि अर्णब गोस्वामी मामले को इसी अदालत में सुना गया था.
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई पूर्व और मौजूदा जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक महीने पहले मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कर्णन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की और न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को धमकाया है.
नागरिक अधिकार संस्था ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है. संस्था का कहना है परिवार नज़रबंद जैसी स्थितियों में रह रहा है. सीबीआई को मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते पांच अक्टूबर को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन समेत चार युवकों को गिरफ़्तार किया था. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाख़िल हलफ़नामे में दावा किया है कि सिद्दीक़ कप्पन पत्रकार नहीं, बल्कि अतिवादी संगठन पीएफआई के सदस्य हैं.
हिंदू राष्ट्र का ढांचा और उसकी दिशा मनुस्मृति में बताए क़ानूनी ढांचे के अंतर्गत ही तैयार होंगे और ये क़ानून जन्म-आधारित असमानता के हर पहलू- सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक, सभी को मज़बूत करने वाले हैं.
पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ़्तारी पर केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्टस ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अदालत के सामने मौलिक अधिकारों के हनन के लिए दायर होने वाली अनुच्छेद 32 वाली याचिकाओं बाढ़-सी आ गई है और वे इन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं.
मद्रास हाईकोर्ट के एक वकील की शिकायत के बाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने सीजेआई एसए बोबडे को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया गया कि जस्टिस कर्णन ने कथित तौर पर महिलाओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की है और न्यायिक अधिकारियों व जजों की पत्नियों को धमकाया है.