उन्नाव की एक अदालत ने हाल में सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी के पिता द्वारा दायर कथित धोखाधड़ी और जालसाज़ी की आपराधिक शिकायत पर पीड़िता के खिलाफ ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है. इस मामले में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.
साक्षात्कार: चार साल पुराने एक ट्वीट के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने क़रीब तीन हफ्ते जेल में बिताए. इस बीच यूपी पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि उनकी लगातार हिरासत का कोई औचित्य नहीं है. उनसे बातचीत.
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को ज़मानत देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. अदालत ने उन्हें बुधवार को ही रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही उनके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामले दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिए और यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भी समाप्त करने का निर्देश दिया.
वीडियो: साल 2018 में किए गए एक ट्वीट को लेकर ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर बीते 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में एक साथ छह मुक़दमों का सामना कर रहे हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
दिल्ली पुलिस द्वारा ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज चार साल पुराने ट्वीट संबंधी मामले में ज़मानत देते हुए दिल्ली की अदालत ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए असहमति की आवाज़ ज़रूरी है. किसी भी राजनीतिक दल की आलोचना के लिए आईपीसी की धारा 153ए और 295ए लागू करना उचित नहीं है.
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने इस सप्ताह की शुरुआत में दिए गए चार आदेशों में ज़ी न्यूज़, ज़ी हिंदुस्तान, इंडिया टीवी, आज तक और न्यूज़18 के दिल्ली दंगों, किसान आंदोलन, मुस्लिम आबादी और 'थूक जिहाद' संबंधी प्रसारणों को ग़लत बताते हुए इनके वीडियो हटाने का निर्देश दिया है.
दिल्ली के साकेत ज़िला अदालत में मामले को सुनते हुए जज ने सवाल किया कि वादी किस आधार पर ऐसी संरचना पर क़ानूनी अधिकार की मांग कर रहे थे जिसे कथित तौर पर 800 साल पहले नष्ट कर दिया गया था.
वीडियो: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के दिन हुई सांप्रदायिक हिंसा और फिर अतिक्रमण अभियान चलाए जाने के बाद यहां के मुस्लिम निवासियों ने पुलिस द्वारा उत्पीड़न और हिरासत के डर को लेकर द वायर से बातचीत की.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ीं कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया है और अगर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी, तो इसकी जांच करने की आवश्यकता है. अदालत ने पूछा कि पुलिस अधिकारी एक अवैध जुलूस को रोकने के बजाय उसके साथ क्यों चल रहे थे?
दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अगले आदेश तक यहां कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने के आदेश दिए. एक याचिका में कहा गया था कि प्राचीन काल से परिसर में भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं और उन्हें आशंका है कि एएसआई उन्हें केवल कलाकृतियां मानते हुए किसी राष्ट्रीय संग्रहालय में भेज सकता है.
यह मामला नववर्ष की शुभकामनाएं देने के लिए ताहिर हुसैन द्वारा एक खंभे पर बोर्ड लगाकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का था. चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अपने फ़ैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के पास यह साबित करने के लिए रत्तीभर भी सबूत नहीं हैं कि हुसैन या उनकी तरफ से किसी ने वह होर्डिंग लगाया था.
पुलिस ने दावा किया है कि सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों में शामिल उमर ख़ालिद एवं अन्य ने दिल्ली में दंगों का षड्यंत्र रचा, ताकि दुनिया में मोदी सरकार की छवि को खराब किया जा सके. यूएपीए के तहत अक्टूबर 2020 में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था.
उमर ख़ालिद को दिल्ली दंगों संबंधित मामले में पेशी पर हथकड़ी लगाए जाने के ख़िलाफ़ उनके वकीलों की याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने एक आदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर किसी ज़िम्मेदार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की निगरानी में जांच के बाद रिपोर्ट दायर कर बताएं कि क्या उमर को हथकड़ी में पेश किया गया, यदि हां तो किस आधार पर.
अदालत ने बीते साल छह दिसंबर को दिनेश यादव को 73 वर्षीय मनोरी देवी के घर को दिल्ली दंगों के दौरान 25 फरवरी, 2020 को आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का सक्रिय सदस्य होने का दोषी पाया था. अदालत ने दोषी तय करते हुए कहा था कि केवल यह तथ्य कि यादव को शिकायतकर्ता के घर में घुसते या तोड़फोड़ या लूटपाट या आग लगाते नहीं देखा गया था, इसका मतलब यह नहीं है कि वह केवल चुपचाप दर्शक की
2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में छह आरोपियों को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ज़मानत नियम है और जेल अपवाद. यह सुनिश्चित करना अदालत का संवैधानिक कर्तव्य है कि सरकार द्वारा अतिरिक्त शक्तियों का इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता से किसी को मनमाने तरीके से वंचित नहीं किया जाए.