दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर पर हाईकोर्ट जल्द फ़ैसला ले

शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा तथा अन्य के ख़िलाफ़ उनके कथित नफ़रत फ़ैलाने वाले भाषणों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, जिसके कारण कथित तौर पर पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़के थे.

दिल्ली दंगा: लोक अभियोजक के 10 महीने तक पेश नहीं होने पर अदालत ने जुर्माना लगाया

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विशेष लोक अभियोजक की अनुपलब्धता के चलते फरवरी 2020 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में सुनवाई के दौरान स्थगन अनुरोध के बाद 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश ने कहा कि मामले में 30 जनवरी 2021 को आरोप-पत्र दाख़िल किए जाने के बाद से लोक अभियोजक एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं.

दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने 20 वर्षीय छात्र को ज़मानत दी

अप्रैल 2020 से हिरासत में रखे गए एक छात्र पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए अभियोजन पक्ष ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए ज़मानत का विरोध किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महज़ बीस साल का छात्र है और उसके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका दूर-दूर तक नज़र नहीं आती.

दिल्ली दंगों के सिलसिले में दर्ज 758 प्राथमिकी में से 361 में आरोप-पत्र दाख़िल, 67 में आरोप तय: पुलिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सीएए के विरोध में प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में हिंसा और नफरत फैलाने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगे के सिलसिले में दर्ज आपराधिक मामलों की स्थिति रिपोर्ट हलफनामे के साथ जमा करे.

दिल्ली दंगों पर टाइम्स नाउ के दो कार्यक्रमों की बहस निष्पक्ष नहीं थीं: एनबीडीएसए

नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी का यह बयान एक शख़्स की शिकायत पर टाइम्स नाउ के एंकर राहुल शिवशंकर और पद्मजा जोशी द्वारा सितंबर 2020 में पेश किए गए चैनल के प्राइम टाइम शो इंडिया अपफ्रंट के दो एपिसोड से जुड़ा है. अथॉरिटी ने चैनल से उक्त एपिसोड यूट्यूब से हटाने को कहा है.

दिल्ली दंगा: चार पर हत्या के आरोप तय, कोर्ट ने कहा- दंगों की आड़ में ‘सोचा समझा हमला’ था

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों के दौरान एक व्यक्ति की कथित हत्या को सुनियोजित हमला बताते हुए चार आरोपियों के ख़िलाफ़ हत्या, दंगा और आपराधिक साज़िश के आरोप तय किए हैं. इन सभी पर आंबेडकर कॉलेज के पास एक व्यक्ति की कथित तौर पर बेरहमी से पिटाई कर हत्या करने का आरोप है.

धार्मिक नफ़रत को बढ़ाने देने के आरोपों से घिरे फेसबुक ने कंपनी का नाम ‘मेटा’ किया

यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब ‘फेसबुक पेपर्स’ के तहत विभिन्न खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है. इन खुलासों में यह भी पता चला है कि फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान वॉट्सऐप पर ‘हिंसा के लिए उकसाने और अफ़वाहों’ भरे मैसेजेस की बाढ़ आई गई थी और फेसबुक को स्पष्ट रूप से ये जानकारी थी.

उमर ख़ालिद के पिता, अखिलेश यादव के साथ मिलकर साज़िश रच रहे हैं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी दल किसी भी हद तक जा सकते हैं. आपने देखा होगा कि हाल ही में एक पार्टी (सपा) से कौन मिलने आया था, उमर ख़ालिद के पिता. वह उमर ख़ालिद, जिसने कहा था कि ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’. इस पर समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा चुनावों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं.

दिल्ली दंगा: आरोपी को ‘अनावश्यक रूप से प्रताड़ित’ करने पर पुलिस पर जुर्माना

दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों के मामले संबंधी एक अर्ज़ी दायर करने में देरी के लिए पुलिस पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि इन मामलों में पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निजी हस्तक्षेप करने के लिए बार-बार दिए गए निर्देशों को नज़रअंदाज़ किया गया.

दिल्ली दंगों की जांच को लेकर पुलिस को कई बार फटकार लगा चुके अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का तबादला

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव दिल्ली के कड़कड़डूमा ज़िला अदालत में दंगों संबंधी कई मामलों की सुनवाई कर रहे थे. उनका स्थानांतरण नई दिल्ली ज़िले की राउज़ एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश (पीसी कानून) (सीबीआई) के रूप में किया गया है. जस्टिस यादव ने दिल्ली दंगों को लेकर पुलिस की जांच को लेकर सवाल उठाते हुए उसे कई बार फटकार लगा चुके हैं. उन्होंने अधिकतर मामलों में जांच के मापदंड को घटिया बताया था.

दिल्ली दंगा: विरोधाभासी बयानों पर अदालत ने कहा- शपथ लेकर झूठी गवाही दे रहे पुलिस गवाह

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों संबंधी एक मामले को सुनते हुए कहा कि पुलिस गवाहों में से एक शपथ लेकर ग़लत बयान दे रहा है. कोर्ट ने ऐसा तब कहा जब एक पुलिसकर्मी ने तीन कथित दंगाइयों की पहचान की लेकिन एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी. यह पहली बार नहीं हैं जब अदालत ने दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस पर सवाल उठाए हैं.

देश में 2020 में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के मामले लगभग दोगुने हुए: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, देश में 2020 में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 857 मामले दर्ज किए गए. वर्ष 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 438 थी, जबकि 2018 में ऐसे 512 मामले दर्ज किए गए थे.

दिल्ली दंगा यूएपीए केस: आरोपियों ने कहा- 5 महीने बाद भी पुलिस ने नहीं दिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य

छात्र कार्यकर्ता नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने दिल्ली दंगे के आरोपों को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा ज़ब्त की गए उनसे संबंधित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मुहैया कराने की मांग की थी.

दिल्ली दंगा: आसिफ़ के कथित इक़बालिया बयान के मीडिया में लीक होने की स्वतंत्र जांच कराने की मांग

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही जांच एजेंसी द्वारा दर्ज उनके बयान को कथित रूप से मीडिया में लीक करके पुलिस अधिकारियों ने कदाचार किया है.

दिल्ली दंगा: आरोप तय करने में अन्य एफ़आईआर से बयान लेने पर अदालत ने पुलिस को फटकारा

दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में हुए दंगे मामले में कथित संलिप्तता के लिए एक आरोपी को आठ मई 2020 को गिरफ़्तार किया था. आरोपी की पैरवी कर रहे वकील ने अदालत को बताया कि पुलिस द्वारा किसी अन्य एफ़आईआर से बयान लेना भारतीय संविधान के तहत उनके मुवक्किल के अधिकारों का उल्लंघन है.

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