इससे पहले डीयू के कुलपति योगेश सिंह द्वारा गठित एक समिति ने सिफ़ारिश की थी कि एडमिशन प्रक्रिया में पर्याप्त निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी चाहिए. केरल बोर्ड के छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिलने के कारण बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय में उनके दाख़िले की तादाद बढ़ गई है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय ने बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि डीयू के एक कॉलेज के 20 सीटों वाले पाठ्यक्रम में 26 छात्रों को केवल इसलिए प्रवेश देना पड़ा क्योंकि उन सभी के पास केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत अंक थे. पिछले कुछ वर्षों से केरल बोर्ड 'मार्क्स जिहाद' लागू कर रहा है. इस बयान पर सांसदों सहित छात्र संगठनों भी आपत्ति दर्ज करवाई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिषद ने पिछले महीने बीए के अंग्रेज़ी ऑनर्स पाठ्यक्रम में बदलावों को मंज़ूरी देते हुए महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’ सहित दो दलित महिला लेखकों बामा और सुकीरथरिणी की कृतियों को हटा दिया था. इन्हें पाठ्यक्रम में वापस शामिल करने की मांग के साथ 1,150 से अधिक शिक्षाविदों, लेखकों और संगठनों ने संयुक्त बयान जारी किया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी शैक्षणिक परिषद ने मंगलवार को 12 घंटे चली बैठक में सदस्यों की असहमति को ख़ारिज करते हुए 2022-23 सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति और चार साल के स्नातक के क्रियान्वयन को मंज़ूरी दे दी. शैक्षणिक परिषद के सदस्य ने बताया कि दो दलित लेखकों बामा और सुकीरथरिणी को भी सिलेबस से हटाया गया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू और बीएचयू समेत देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से बीस में नियमित वाइस चांसलर नहीं हैं. अधिकारियों के अनुसार नियुक्तियों में विलंब पीएमओ की ओर से हुई देरी के चलते ऐसा हो रहा है. बताया गया कि क़ानूनन पीएमओ की कोई भूमिका नहीं है पर इन दिनों फाइलें अनधिकृत तौर पर वहां भेजी जाती हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को पत्र लिखकर यहां के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच कराने का अनुरोध किया है. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के क़रीब 24 शिक्षकों, जामिया मिलिया के चार प्रोफ़ेसरों सहित 20 से ज़्यादा कर्मचारियों और किरोड़ी मल कॉलेज के दो प्रोफ़ेसरों का निधन कोविड-19 से हो चुका है.
2017 में 'माओवादी संबंधों' को लेकर दोषी ठहराए गए दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामलाल आनंद कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जीएन साईबाबा नागपुर जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं. उनकी पत्नी वसंता का कहना है कि वे उनकी बर्ख़ास्तगी को अदालत में चुनौती देंगी.
लेडी श्रीराम कॉलेज, मिरांडा हाउस कॉलेज आदि कॉलेजों ने कई क़दम उठाए हैं. इनमें विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उनसे संवाद करना, ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को इंटरनेट डेटा कार्ड से लेकर लैपटॉप मुहैया कराना शामिल है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों को वित्तीय सहायता देने और सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने पर विचार करने के लिए समिति बनाने का आग्रह किया है.
तेलंगाना की रहने वाली दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ने तीन नवंबर को हैदराबाद के अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाली छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वे अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं और शिक्षा के बिना ज़िंदगी उन्हें मंज़ूर नहीं थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने दिल्ली सरकार के 16 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सरकार द्वारा पूर्ण वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों को 1500 से अधिक शिक्षकों एवं शिक्षण कर्मचारियों का वेतन छात्र निधि से भुगतान करने कहा गया था.
शिक्षा मंत्रालय ने योगेश त्यागी पर अवकाश पर रहते हुए विश्वविद्यालय में नियमों का उल्लंघन कर नियुक्तियां करने के आरोप में जांच करने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी थी, जो स्वीकार कर ली गई है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में एडहॉक शिक्षक डॉ. ऋतु सिंह ने दावा किया है कि बीते अगस्त महीने में पढ़ाने के लिए उनकी जॉइनिंग हो गई थी, लेकिन जातिगत आधार पर उन्हें पढ़ाने से मना कर दिया गया. वहीं कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि अगर ऐसा है तो वे प्रमाण दिखाएं. विवाद के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने डीयू के कुलपति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने ज़मानत के लिए दाखिल याचिका में कहा था कि उनकी मां अंतिम सांसें गिन रही हैं और उन्हें अपने बेटे को देखने का अधिकार है. चार दिन पहले इसे बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने ख़ारिज कर दिया था. शनिवार को साईबाबा की मां का हैदराबाद में देहांत हो गया.
एनआईए ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को एल्गार परिषद मामले में मुंबई आकर गवाही देने के लिए कहा है. प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वे अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और यात्रा नहीं करना चाहते हैं.