डब्ल्यूएचओ कहता है कि नागरिकों का स्वास्थ्य सरकारों की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है. लेकिन भारत सरकार के यात्राओं पर प्रतिबंध, हवाई अड्डों पर सबकी स्क्रीनिंग के निर्णय में हुई देरी पर बात नहीं हुई, न ही कोविड जांच की बेहद कम दर की बात उठी. जमात ने ग़लती की है पर क्या सरकारों को कभी उनकी नाकामियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा?
पंजाब में शराब की होम डिलीवरी करने की तैयारी. दिल्ली सरकार ने शराब पर स्पेशल कोरोना फीस के तौर पर 70 प्रतिशत का टैक्स लगाया. मुंबई में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
ये जवान राष्ट्रीय राजधानी के मयूर विहार फेज़-3 इलाके में स्थित अर्द्धसैन्य बल की 31वीं बटालियन के हैं. पिछले कुछ दिनों में यहां कोरोना वायरस के मामले बड़ी संख्या में सामने आने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.
महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना के रिकॉर्ड 1,003 मामले दर्ज होने की वजह से देशभर में संक्रमण का आंकड़ा बढ़ा है. इस दौरान अकेले मुंबई में ही 741 मामले दर्ज हुए.
चार दिन पहले सात मजदूर दिल्ली से बिहार जाने के लिए साइकिल से निकले थे. उसमें से एक मजदूर की तबीयत बिगड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मौत हो गई. बाकी छह मजदूरों को जिला प्रशासन ने क्वारंटीन कर दिया है और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.
इतिहासकार और लेखक आरवी स्मिथ ने तकरीबन एक दर्जन किताबें लिखी हैं, जिनमें से अधिकांश दिल्ली पर आधारित हैं. इसके अलावा वह पत्रकार भी थे और ज़िंदगी के आख़िरी दिनों तक विभिन्न अख़बारों के लिए लिखते रहे थे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद में राजन ने कहा कि भारत एक गरीब देश है और संसाधन कम हैं. यह देश ज्यादा लंबे समय तक लोगों को बैठाकर खिला नहीं सकता, इसलिए अर्थव्यवस्था को खोलना होगा.
दिल्ली में बुधवार तक कोरोना वायरस के 3439 मामले सामने आए जिसमें से 1092 लोगों का इलाज हो चुका है और 56 लोगों की मौत हो चुकी है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की है और पाया है कि लॉकडाउन के कारण अब तक बहुत फायदे हुए हैं और चार मई से अनेक जिलों में पर्याप्त राहतें देने के लिए नये दिशानिर्देश जल्द जारी किये जाएंगे.
यह देशव्यापी लॉकडाउन का आख़िरी हफ़्ता है. इस दौरान सोशल मीडिया पर जारी नफ़रत और बहसों के बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बिना किसी स्वार्थ के राहत पहुंचाने के काम में लगे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी की अनुष्का उनमें से एक हैं.
वीडियो: दिल्ली के सुल्तानपुरी क्वारंटाइन सेंटर में पिछले हफ्ते 59 वर्षीय मोहम्मद मुस्तफ़ा की मौत हो गई. वे पिछले महीने तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. आरोप है कि वे डायबिटीज़ के मरीज़ थे और समय पर इलाज और खाना न मिलने से उनकी मौत हुई है.
वीडियो: दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में रहने वाली एक गर्भवती महिला को सफ़दरजंग अस्पताल ने कथित तौर पर यह कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया कि वे रेड ज़ोन इलाके से आ रही हैं. महिला का आरोप है कि इसी तरह पांच अन्य अस्पतालों ने भी उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया था.
वीडियो: कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के बीच दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में फंसे प्रवासी मज़दूरों को भोजन के लिए बनी लंबी लाइनों में घंटों अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ रहा है.
हम वो देश हैं जो जुगाड़ पर नाज़ करता है, 5000 साल पहले की तथाकथित उपलब्धियों के ख्वाबों की दुनिया में रहता है. उससे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में इतनी मेहनत करेगा कि वे बिना किसी रुकावट के और सक्षम तरीके से काम कर सकें.
बीते दस दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो मज़दूरों ने बीमारी के चलते मुंबई और दिल्ली में दम तोड़ दिया, पर लॉकडाउन और ख़राब आर्थिक स्थिति के चलते परिजन उनका शव लाने नहीं जा सके. आजीविका के लिए परिवार से हज़ारों मील दूर रह रहे इन लोगों को अंतिम समय में भी अपनों का साथ नसीब नहीं हुआ.