जम्मू कश्मीर के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

जम्मू कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन की कवायद संविधान की भावनाओं के विपरीत की गई थी और इस प्रक्रिया में सीमाओं में परिवर्तन तथा विस्तारित क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए था. 

जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग के आदेश प्रभावी हुए

केंद्रीय क़ानून मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी हो गए हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत गठित आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 होंगी. इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी. पूर्ववर्ती विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और

जम्मू कश्मीर: परिसीमन आयोग के ख़िलाफ़ याचिका पर कोर्ट ने केंद्र व चुनाव आयोग से जवाब मांगा

केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा सीट के पुनर्निर्धारण को लेकर परिसीमन आयोग गठित करने के सरकार के फ़ैसले को चुनौती देते हुए सूबे के दो निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि संविधान के प्रावधानों के विपरीत जाते हुए परिसीमन की प्रक्रिया चलाई गई.

परिसीमन आयोग ने कश्मीर में विधानसभा सीट की संख्या 47, जबकि जम्मू में 43 रखने की सिफ़ारिश की

जम्मू कश्मीर को लेकर गठित तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अंतिम आदेश में जम्मू में छह, जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. वहीं, राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाया गया है. 12 सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया है. घाटी राजनीतिक दलों ने आदेश को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह घाटी में राजनीतिक रूप से लोगों को कमज़ोर करने का प्रयास है.

जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक, विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव

जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.

जम्मू कश्मीर: साल भर के भीतर केंद्र ने दूसरी बार बढ़ाया परिसीमन आयोग का कार्यकाल

जम्मू कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करने के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 6 मार्च को ख़त्म होना था, लेकिन क़ानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार इसे दो महीने बढ़ाकर 6 मई तक कर दिया गया है. मार्च 2020 में गठित इस आयोग को पिछले साल भी एक साल का विस्तार दिया गया था.

जम्मू कश्मीर: राजनीतिक दलों का आरोप- परिसीमन का मसौदा भाजपा कार्यालय में तैयार हुआ

जम्मू कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र रैना व पूर्व मंत्री शक्ति परिहार की परिसीमन संबंधी कथित बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस और पीडीपी ने आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग का मसौदा भाजपा नेताओं के निर्देश पर तैयार हुआ है. वहीं, रैना ने लीक ऑडियो को फ़र्ज़ी बताया है.

जम्मू: परिसीमन के विरोध में सैकड़ों भाजपा नेताओं ने इस्तीफ़ा दिया

परिसीमन आयोग ने अपनी दूसरी मसौदा रिपोर्ट में सुचेतगढ़ विधानसभा सीट का आरएस पुरा सीट में विलय करने का प्रस्ताव दिया है. इस तरह सुचेतगढ़ विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जिसके विरोध में भाजपा के करीब 200 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया है.

स्थानीय दलों की आपत्तियां ख़ारिज करते हुए परिसीमन आयोग ने बदला जम्मू कश्मीर का चुनावी नक़्शा

परिसीमन आयोग ने अपनी मसौदा रिपोर्ट में केंद्रशासित प्रदेश की कई विधानसभा सीटें ख़त्म कर दी हैं. जम्मू संभाग में छह विधानसभा सीटें बढ़ाई गई हैं जबकि कश्मीर संभाग में केवल एक सीट की बढ़ोतरी की गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आयोग के दूसरे मसौदे के प्रस्तावों को भी नकार दिया है.

परिसीमन पर फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू और कश्मीर के मुद्दे अलग-अलग हैं

जम्मू में परिसीमन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रस्ताव भाजपा की मांगों के अनुरूप होने की आलोचना के बीच पार्टी अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने यह स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी की जम्मू इकाई की ओर से पेश किए गए विभिन्न मुद्दों को लेकर लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए.

परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में नई इकाइयां बनाने पर रोक लगाई

यह रोक जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के चार राज्यों- असम, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश में निर्वाचन क्षेत्रों का फिर से गठन होने तक जारी रहेगी. यह रोक 15 जून से प्रभावी है.