नोटबंदी के तीन साल बाद क्या इसके परिणाम की चर्चा कर सकते हैं?
नोटबंदी के समय कहा गया था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे. तीन साल हो गए, आगामी कितने साल में आएगी दूरगामी?
नोटबंदी के समय कहा गया था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे. तीन साल हो गए, आगामी कितने साल में आएगी दूरगामी?
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार को 72 पेज का एक नोट लिखा है, जिसमें उन्होंने दो हज़ार रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने, सरकारी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण ख़त्म करने और निजीकरण को बढ़ावा देने समेत कई सुझाव दिए हैं.
नोटबंदी से पहले 4 नवंबर, 2016 तक 17.74 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में थी. इस तरह नोटबंदी से पहले की तुलना में नकद राशि यानि चलन में मुद्रा में करीब 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिए गए लिखित जवाब के मुताबिक नोटबंदी से पहले चार नवंबर, 2016 तक 17.97 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा प्रचलन में थी, लेकिन अब ये राशि बढ़कर 21.71 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह दोतासरा ने कहा कि नोटबंदी सबसे असफल प्रयोग था. नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री ने जिन तीन उद्देश्यों- आतंकवाद, भ्रष्टाचार को खत्म करने और कालाधन को वापस लाने, का उल्लेख किया था, उन्हें हासिल नहीं किया जा सका.
भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. साल 2014 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने वाले अग्रवाल को पार्टी ने इस बार रायबरेली से टिकट नहीं दिया है.
लोकसभा चुनाव राउंडअप: राहुल गांधी ने सूरतगढ़ में एक सभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं की लड़ाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा.
नोटबंदी से पहले 4 नवंबर, 2016 तक 17.97 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा प्रचलन में थी, लेकिन अब 19.44 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ ये राशि बढ़कर 21.41 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. यह दर्शाता है कि वित्तीय प्रणाली में नकदी वापस आ गई है.
18 दिसंबर 2018 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि नोटबंदी के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के तीन अधिकारी और इसके एक ग्राहक की मौत हो गई थी.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अगुवाई में पार्टी के अन्य सदस्यों ने वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का विरोध किया.
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी में कम-से-कम एक प्रतिशत की कमी आई और असंगठित क्षेत्र में बेरोज़गारी बढ़ी.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का सोचना था कि नोटबंदी के बाद बेसमेंट में नोट छुपाकर रखने वाले लोग सामने आएंगे और माफी मांगकर कहेंगे कि हम इसके लिए कर देने को तैयार हैं.
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के 15 महीने बाद बाज़ार में लगभग उतना ही कैश आ गया है जितना 8 नवंबर 2016 से पहले था.
ममता ने कहा कि बैंकिंग घोटाले नोटबंदी के एक साल पहले से प्लान किए जा रहे थे. केंद्र सरकार क्या कर रही थी? टीवी पर भाषण और दूसरों को उपदेश देने के बजाय उन्हें काम करना चाहिए.
राहुल ने कहा कि पैसा बैंकों में डलवाते वक्त प्रधानमंत्री ने एक प्रकार से जिम्मेदारी ली कि लोगों के पैसे की सुरक्षा की जाएगी. अब अलग-अलग मंत्री स्पष्टीकरण दे रहे हैं. किंतु, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जो जिम्मेदार हैं, उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.