दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद संघर्ष के प्रतीक नोबेल पुरस्कार विजेता डेसमंड टूटू का निधन

डेसमंड टूटू को रंगभेद के कट्टर विरोधी और अश्वेत लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के ख़ात्मे के लिए अहिंसक रूप से अथक प्रयास करने के लिए जाना जाता है. साल 1994 में दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद के औपचारिक अंत के बाद भी टूटू ने मानवाधिकारों के लिए अपनी लड़ाई को नहीं रोका था. वह एचआईवी/एड्स, नस्लवाद, होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया सहित तमाम मुद्दों पर आवाज़ उठाते रहते थे.

नकली इतिहास भारत पर प्रेतात्मा बन कर छाया हुआ है

स्मृति के रूप में जीवित विभाजन एक मौखिक संसार है, जो चुप्पियों में दबा हुआ है, नाउम्मीदी की भाषा में फंसा हुआ है. 76 सालों के बाद भी जिसके ज़ख़्म भरने का नाम नहीं लेते.