महाराष्ट्र सरकार ने अंतरजातीय और अंतरधार्मिक शादी करने वाले दंपति और इस तरह के विवाह के बाद परिवार से अलग हुई महिलाओं व उनके परिवार के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक समिति बनाई है. एनसीपी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार को लोगों के निजी जीवन की जासूसी करने का कोई हक़ नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को मुंबई की आरे कॉलोनी में अपनी कार शेड परियोजना में ‘ट्रेन रैंप’ के निर्माण के लिए 84 पेड़ों को काटने की अर्ज़ी संबंधित प्राधिकार के समक्ष रखने की अनुमति देते हुए कहा कि बड़े सार्वजनिक कोष वाली ऐसी परियोजनाओं में अदालत गंभीर अव्यवस्था से बेख़बर नहीं हो सकती.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को ‘पुराने ज़माने’ का आदर्श बताया था. इसके बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल को राज्य से बाहर भेजने की मांग की है.
1988 बैच की आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर महाविकास अघाड़ी सरकार ने कांग्रेस और शिवसेना के कई बड़े नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप करने के आरोप लगाए थे. रिपोर्ट के मुताबिक़, अब पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है और आने वाले दिनों में उन्हें राज्य पुलिस में एक वरिष्ठ पद दिए जाने की उम्मीद है.
अक्टूबर 2020 में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार ने सीबीआई से जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली थी. अधिकारी ने बताया कि इस फैसले के बाद सीबीआई को अब राज्य के मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार से मंज़ूरी नहीं लेनी होगी.
मुंबई के मेट्रो कार शेड परियोजना को लेकर आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई का हरित कार्यकर्ता और निवासी लगातार विरोध कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को पेड़ों को न काटने के वचन का पालन करने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भंडारा ज़िले में तीन लोगों द्वारा एक महिला से बलात्कार की घटना पर विधानपरिषद में हुई चर्चा के दौरान कहा कि बिलक़ीस बानो मामले के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद रिहा किया गया, लेकिन किसी अपराध के आरोपियों को सम्मानित किया जाना ग़लत है.
भाजपा ने इसकी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर किया गया है.
भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है, जबकि केंद्रीय चुनाव समिति की भूमिका चुनावों में टिकट बंटवारे की होती है. चुनाव समिति से केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज़ हुसैन को भी हटाया गया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शहरी विकास और 11 अन्य विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गृह, वित्त और योजना विभागों के अलावा क़ानून व न्यायपालिका, जल संसाधन, आवास, ऊर्जा और प्रोटोकॉल विभाग दिए गए हैं.
मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण लेकर आए थे. जिसे बाद में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी आगे बढ़ाया था, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता लगातार इसके विरोध में थे. 2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उसने इस परियोजना पर रोक लगा दी थी. अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद इसे हरी झंडी दे दी है.
पहला मामला वर्ष 2021 का है, जो उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने नेता विपक्ष रहते हुए तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार के नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच साठगांठ के आरोप लगाते हुए कहा था कि पैसों के बदले मलाईदार पदों पर नियुक्तियां की जा रही हैं. वहीं, दूसरा मामला भाजपा नेता गिरीश महाजन व 28 अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज है, जो जबरन वसूली और आपराधिक साज़िश रचने से संबंधित है.
उद्धव ठाकरे सरकार ने 2019 में पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कार शेड परियोजना के काम पर रोक लगा दी थी, लेकिन एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस द्वारा 30 जून को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मेट्रो कार शेड पर काम फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था. आरे वन क्षेत्र मुंबई के उपनगर गोरेगांव में एक हरित क्षेत्र है. इस शहर का
हाथों में तख़्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की नई सरकार के उस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की, जिसमें मेट्रो-3 कार शेड परियोजना को दोबारा मुंबई के आरे वन क्षेत्र में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में 600 से अधिक मुंबईकरों ने भाग लिया.
मुंबई के आरे वन क्षेत्र में मेट्रो-3 कारशेड परियोजना को 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण लेकर आए थे. जिसे बाद में आई देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भी आगे बढ़ाया था, जबकि पर्यावरण कार्यकर्ता लगातार इसके विरोध में थे. 2019 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता में आई तो उसने इस परियोजना पर रोक लगा दी, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने फिर से आरे वन क्षेत्र में मेट्रो परियोजना को आगे