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सीबीआई ने डीएचएफएल प्रर्वतकों कपिल व धीरज वधावन तथा कंपनी के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने बांद्रा में कंपनी की फ़र्ज़ी शाखा बनाई और 14,046 करोड़ रुपये के आवास ऋण खाते खोले. इनमें से कुछ खाते प्रधानमंत्री आवास योजना की ब्याज सब्सिडी लेने के लिए बनाए गए थे.
इस रिपोर्ट के आधार पर एनसएलटी की मुंबई पीठ के समक्ष 40 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दायर किया गया है, जिसमें डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन भी शामिल हैं.
अनिल अंबानी की नौ समूह कंपनियों ने यस बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपये क़र्ज़ लिया है. सुभाष चंद्रा के एस्सेल समूह पर कथित रूप से 8,400 करोड़ रुपये क़र्ज़ है, वहीं जेट एयरवेज़ पर यस बैंक का 550 करोड़ रुपये बकाया है.
खोजी पत्रकारिता करने वाली न्यूज़ वेबसाइट कोबरापोस्ट ने दावा किया है कि हाउसिंग लोन देने वाली कंपनी डीएचएफएल ने कई शेल कंपनियों को करोड़ों रुपये का लोन दिया और फिर वही रुपया वापस उन्हीं कंपनियों के पास आ गया जिनके मालिक डीएचएफएल के प्रमोटर हैं. आरोप है कि इस तरीके से कंपनी ने करीब 31 हजार करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी की.